योगी सरकार ने बढ़ाया गन्ना समर्थन मूल्य, 20 रुपए
हलधर किसान (यूपी)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में गन्ना किसानों के हित में अहम फैसला लिया गया। सरकार ने गन्ना समर्थन मूल्य में 20 रुपए प्रति क्विंटल वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पेराई सत्र 2023.24 के लिए गन्ना मूल्य बढ़ गए हैं।
गन्ने की अगैती प्रजातियों के लिए गत वर्ष के 350 रुपये प्रति कुंतल मूल्य को बढ़ाकर 370 रुपये प्रति कुंतल का मूल्य निर्धारित किया गया है। गन्ने का समर्थन मूल्य तीन श्रेणियों में 20 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। कैबिनेट बैठक में करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई।
गौरतलब वर्ष 2017 में योगी सरकार जब पहली बार सत्ता में आई थी तो गन्ने के समर्थन मूल्य में 10 रुपये क्विंटल की वृद्धि हुई थी। इसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने वर्ष 2021 में गन्ने के मूल्य में 25 रुपये क्विंटल की वृद्धि की थी।
अब यह तीसरी बार है जब योगी सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। योगी सरकार ने बीते 7 वर्षों में की गन्ने के समर्थन मूल्य में कुल 55 रुपये क्विंटल की वृद्धि की है।
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बता दें कि प्रदेश में फिलहाल गन्ने की रिजेक्टेड प्रजाति का समर्थन मूल्य 335 रुपये क्विंटल है। सामान्य 340 और उन्नत किस्म के गन्ने का समर्थन मूल्य 350 रुपये क्विंटल है। अब तीनों ही श्रेणियों में 20 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।
किसान नेताओं की प्रतिक्रिया
किसान नेता घोषित गन्ना मूल्य को उम्मीद से बहुत कम बता रहे हैं। उनका कहना है कि जिले के कोल्हुओं पर भी 400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने की खरीदारी कर रहे हैं। सरकार को फसलों की लागत और महंगाई को देखते हुए कम से कम गन्ना मूल्य 400 घोषित करना चाहिए था।
बिजनौर में राष्ट्रीय किसान मजदूर के जिला अध्यक्ष विनोद कुमार बिट्टू का कहना है कि फसलों की लागत और बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार ने गन्ना मूल्य बहुत कम घोषित किया है,
जबकि कई साल से गन्ना मूल्य घोषित ही नहीं हुआ था। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक युवा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा कि गन्ना मूल्य घोषित बहुत कम है।
सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सत्यवीर सिंह सोनू का कहना है कि चुनावी साल में भी गन्ना मूल्य में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर सरकार ने किसानों को छलने का काम किया है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष कालिंदर मलिक का कहना है कि 20 रुपये नाकाफी है, किसानों के खर्च बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 450 रुपये गन्ना मूल्य घोषित होना चाहिए था। कम गन्ना मूल्य घोषित करने के विरोध में भाकियू जल्द धरना प्रदर्शन करेगी।