किस पटवारी ने किया मप्र में सबसे बड़ा जमीन घोटाला, कैसे तहसीलदार के नाम से जमीन का कर दिया फेरबदल, आरोप पत्र हुआ जारी

किस पटवारी ने किया मप्र में सबसे बड़ा जमीन घोटाला,

हलधर किसान। राजस्व विभाग में अब तक जाली हस्ताक्षर से जमीनों की हेराफेरी के मामले तो सामने आते रहे गए लेकिन अफसरों के जाली हस्ताक्षर कर जमीन की हेराफेरी का अनोखा मामला ग्वालियर में सामने आया है। तहसीलदार के आदेश के नाम पर कोरा कागज लगाकर सैकड़ों भूमि स्वामियों के नाम बदले जाने के मामले में निलंबित पटवारी भुवनचंद मौर्य को आरोप पत्र भेज दिया गया है। यह 15 दिनों के भीतर दिए जाने का नियम है।

इस मामले में अधीक्षक भू-अभिलेख कार्यालय के लोगों व राजस्व की जांच टीम का गठन किया गया है जो इस पूरे मामले में पटवारी का रिकार्ड निकालेगी। जांच टीम पोर्टल के जरिए पूरा डेटा निकालेगी कि पटवारी ने कब कब तहसीलदार के आदेश के नाम पर कोरे कागज लगाए। इसके और कितने पीड़ित शामिल हैं। इसकी जांच की जाएगी।

राजस्व के अधिकारी पीड़ितों के केसों का भी विश्लेषण कर रहे हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश के जिस ग्वालियर में पटवारी की ओर से लागइन आइडी के जरिये बिना तहसीलदार के आदेश के सैकड़ों भूमि स्वामियों के नाम में हेरफेर कर दिया गया। तहसीलदार के आदेश क्रमांक की बजाय कुछ भी लिख दिया जाता था और तहसीलदार के आदेश की जगह खाली कागज लगाया जा रहा था।सिस्टम में यह रीड नहीं होता और मनमानी कर पटवारी नाम बदलता रहा। यह ग्वालियर जिले की तहसील घाटीगांव का मामला है, जहां के पटवारी भुवनचंद मौर्य को निलंबित कर दिया गया है।

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शुरुआती जांच के अनुसार पटवारी भुवनचंद मौर्य ने घाटीगांव के करीब तीन सौ भू स्वामियों के नाम बदले हैं। पटवारी ने तहसीलदार के आदेश के स्थान पर ब्लैंक पेपर अपलोड कर भू-स्वामी बदले। घाटीगांव के अनुविभागीय अधिकारी राजीव समाधिया के अनुसार भुवनचंद मौर्य के पास पटवारी हल्का नम्बर-10 बन्हेरी और अतिरिक्त हलका नम्बर 6 का भी चार्ज था। पटवारी ने चूही, पूछरी, बन्हेरा, बराहना, सेंकरा, सेंकरी और पहसारी के खसरों में भू-स्वामी के नाम बदल दिए। मामले में घाटीगांव के तहसीलदार दिनेश चौरसिया ने पटवारी भुवनचंद्र मौर्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने आवेदन दिया गया था। जांच के बाद विभाग ने पटवारी को निलंबित कर दिया

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