धरती के साथ सौर मंडल में भी जीवन तलाशने की वैज्ञानिक खोजे जारी है। इसमें कई बार चौकाने वाले तथ्य सामने आते रहे है। ताजा रीसर्च में दावा किया गया है
कि हमारे सौर मंडल के बाहर भी 17 ऐसे ग्रह है जहाँ दुनिया बसाई जा सकती है।
वाशिंगटन: नासा की एक नई रिसर्च कहती है
कि हमारे सौर मंडल के बाहर भी जीवन हो सकता है। सौर मंडल के बाहर 17 और ऐसी ही दुनिया हो सकने की बात इस रिसर्च में सामने आई है।
नासा ने कहा है कि हमारे सौर मंडल के बाहर जीवन की तलाश के एक हालिया अध्ययन में 17 एक्सोप्लैनेट की खोज की गई है, जिनमें बर्फीले गोले के नीचे तरल पानी के महासागर हो सकते हैं।
ये पहली बार है जब वैज्ञानिकों ने ऐसा अनुमान लगाया है कि हमारे सौर मंडल के बाहर की दुनिया में भी पानी हो सकता है, जो जीवन के लिए एक आवश्यक घटक है। यानी वहां भी जिंदगी संभव हो सकती है
जीवन की खोज में आमतौर पर ऐसे एक्सोप्लैनेट को ढूंढना शामिल होता है, जो अपने मेजबान तारे के रहने लायक क्षेत्र के भीतर मौजूद होते हैं। ये एक ऐसी दूरी जहां तापमान पानी को उनकी सतहों पर बने रहने की अनुमति देता है।
हालांकि यह भी संभव है कि एक एक्सोप्लैनेट जो बहुत दूर और ठंडा है, वहां अभी भी बर्फ की परत के नीचे एक महासागर हो। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, रिसर्च में जिन बाहरी दुनियाओं के संकेत मिले हैं,
वे बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमाओं की तरह, जीवन के रासायनिक संकेतों की खोज के लिए आशाजनक स्थान हो सकती है। विशेष रूप से बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा और शनि के एन्सेलाडस को पर्याप्त सूर्य का प्रकाश नहीं मिलता है,
लेकिन फिर भी उनकी बर्फीली परत के नीचे तरल महासागर हैं। नासा ने बताया है कि इन महासागरों का पानी कभी-कभी बर्फ की परत के माध्यम से गीजर के रूप में फूट सकता है।
टीम ने इन एक्सोप्लैनेट पर गीजर गतिविधि को गौर से देखा और दो एक्सोप्लैनेट की पर्याप्त रूप से करीब पहचान की जहां इन विस्फोटों के संकेत दूरबीनों से देखे जा सकते थे।
इन बर्फीले संसारों में हमारे सौर मंडल के निकट के दो संसार भी शामिल हैं, जहां ऐसी परिस्थितियां हो सकती हैं,
जिनमें जीवन संभव हो। ये एक्सोप्लैनेट लगभग पृथ्वी के आकार के हैं, लेकिन कम घने और अधिक ठंडे हैं, जिससे पता चलता है कि उनकी सतह बर्फ से ढकी हुई है।
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