केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इटली में जी7 व्यापार मंत्रियों की ली बैठक

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यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम के साथ गहरे आर्थिक संबंधों एवं एफटीए पर चर्चा की

हलधर किसान नई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इटली के रेजियो कैलाब्रिया के विला सैन जियोवानी में आयोजित जी7 व्यापार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। इस बैठक ने वैश्विक व्यापार संबंधों एवं आर्थिक सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा के एक महत्वपूर्ण मंच की भूमिका निभाई। इस बैठक के मौके पर श्री गोयल ने कई उच्चस्तरीय द्विपक्षीय बैठकें कीं, जो वैश्विक स्तर पर मजबूत आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इटली के उप.प्रधानमंत्री तथा विदेश एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ चर्चा के दौरानए दोनों मंत्री द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश, औद्योगिक सह.उत्पादन तथा स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष वाल्डिस डोम्ब्रोव्स्की के साथ चर्चा मौजूदा एफटी, वार्ता सहित भारत.यूरोपीय संघ व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर केन्द्रित रही। दोनों पक्षों ने आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के अवसरों की तलाश की।

इटली में जी7 व्यापार मंत्रियों की ली बैठक


श्री गोयल ने न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री श्री टॉड मैक्ले के साथ बातचीत में पारस्परिक विकास के लिए द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंधों को बढ़ाने के अवसरों का पता लगाया। इस चर्चा का उद्देश्य भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा मजबूत व्यापार संबंधों को और गति देना था। यूनाइटेड किंगडम के व्यवसाय एवं व्यापार राज्य सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। इस बातचीत में भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा को आगे बढ़ाने की योजना शामिल थी।
श्री गोयल ने जर्मनी के आर्थिक मामलों एवं जलवायु कार्रवाई के संघीय मंत्री डॉ. रॉबर्ट हैबेक के साथ बातचीत में बढ़ते भारत.जर्मन व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की। चर्चा आगामी अंतर.सरकारी परामर्श और दिल्ली में आयोजित जर्मन व्यवसायों के एशिया.प्रशांत सम्मेलन पर केन्द्रित रही।
इन द्विपक्षीय संवादों से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ भारत के व्यापार संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।

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