किसानों को मनाने पहुंचे मोदी कैबिनेट के तीन दिग्गज

ट्रैक्टर्स के साथ पंजाब से किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू, रोकने सरकार ने झोंकी पूरी ताकत

दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर तक पहुंचे किसान

हलधर किसान | किसानों के ‘दिल्ली चलो‘ आंदोलन पर सरकार की निगाहें टिकी हैं। केंद्र की लगातार यही कोशिश है कि कैसे किसानों को समझाकर उन्हें प्रदर्शन से रोका जा सके। इसी कवायद में तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति आज किसान संगठनों संग मीटिंग कर रही है। ये वार्ता चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ हो रही।

पूरा बातचीत ऐसे समय में हो रही जब पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच गतिरोध जारी है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय इस बैठक में शामिल हैं। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर शाम पांच बजे किसान नेताओं से ये मीटिंग शुरू हुई।

किसानों का आंदोलन आज तीसरे दिन भी जारी है. हरियाणा-पंजाब सीमाओं पर बड़ी संख्या में किसान डटे हुए हैं. दिल्ली से सटी हरियाणा और यूपी की सीमाओं पर भी  पुलिस का सख्त पहरा है. आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कई लेयर की बैरिकेडिंग कर रखी है. किसानों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए सरकार कई  बार की वार्ता कर चुकी है.  दिल्ली चलो’ की कोशिश में लगे किसानों और सरकार के बीच तीसरे दौर की बातचीत होने जा रही है।

इसी बीच SKM यानी संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को भारत बंद बुलाया है। खबर है कि तीन केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ में किसानों के साथ उनकी मांगों को लेकर चर्चा करने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय का नाम शामिल है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने यह जानकारी दी है।

इससे पहले दोनों पक्षों के बीच दो बैठकें बेनतीजा रही हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानून और ऋण माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। बुधवार को पंजाब और हरियाणा सीमाओं पर जमकर बवाल हुआ। 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदर्शनकारी किसानों को पंजाब सरकार का समर्थन प्राप्त है। एक ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही है। खट्टर ने आम आदमी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि दिल्ली सरकार भी कहती है कि वे किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हैं। खट्टर ने कहा, “किसानों की मांगों का समर्थन करना एक बात है लेकिन उनके आंदोलन को समर्थन देना सही संदेश नहीं देता है।”

सरकार ने भी की बैठक

हजारों किसान बुधवार सुबह एक बार फिर अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करने के लिए पंजाब-हरियाणा की दो सीमाओं पर डटे रहे। वहीं, अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारी किसानों ने जब अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की ओर से कार्रवाई की गई। कुछ किसानों ने भी सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया जो अवरोधकों के करीब तैनात थे। 

भारतीय किसान यूनियन ने बड़ा फैसला लिया है। गुरनाम सिंह चढूनी ने अपील की है कि कल से 3 घंटे हरियाणा के भी टोल फ्री कर दिए जाएं। पश्चिमी यूपी में भी टोल फ्री किए जाने की मांग की गई। वहीं 17 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन की तरफ से ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। किसान नेताओं ने 16 फरवरी को ‘भारत बंद’ का ऐलान करते हुए कहा कि हमारा फैसला कायम रहेगा।  क्या हैं किसानों की मांगें?

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