चीनी उत्पादन 16 फीसदी घटा, 10.92 फीसदी कम हुई गन्ने की पेराई

Sugar production decreased by 16 percent sugarcane crushing decreased by 10.92 percent

गन्ने की फसल पर रोग और मौसम की मार के चलते चालू पेराई सत्र 2024-25 में 31 दिसंबर तक देश का चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में करीब 16 फीसदी घटा गया है। इस गिरावट का प्रमुख कारण उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में गन्ने की कमजोर फसल और कम चीनी मिलों का संचालन है। 

हलधर किसान l सहकारी चीनी मिलों के संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के आंकड़ों के अनुसार, चालू पेराई सत्र में 31 दिसंबर तक 493 चीनी मिलें संचालित थी जबकि पिछले साल इस अवधि तक 518 चीनी मिलें चल रही थीं। इन चीनी मिलों ने कुल 95.10 लाख टन चीनी उत्पादन किया जो पिछले साल के 112.80 लाख टन चीनी उत्पादन से 15.69 फीसदी कम है। अक्टूबर से शुरू हुए पेराई सीजन में अब तक कुल 10.95 करोड़ टन गन्ने की पेराई हुई है जो पिछले साल के मुकाबले 10.92 फीसदी कम है। 

चालू सीजन के पहले तीन महीनों में गन्ने से चीनी की रिकवरी घटकर 8.68 फीसदी रह गई जो पिछले साल 31 दिसंबर तक 9.23 फीसदी थी। यूपी के चीनी उत्पादन में करीब 2 लाख टन और महाराष्ट्र के चीनी उत्पादन में 8 लाख टन से अधिक की गिरावट आई है। इस प्रकार देश में कुछ चीनी उत्पादन करीब 17.70 लाख टन कम हुआ है।     

देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पहले तीन महीनों में घटकर 32.60 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 34.65 लाख टन था। देश के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन एक साल पहले के 38.20 लाख टन से घटकर 29.90 लाख टन रह गया, जबकि कर्नाटक में चीनी उत्पादन 24 लाख टन से घटकर 20.55 लाख टन रह गया।

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चीनी उद्योग के संगठन इस्मा ने चीनी उत्पादन में गिरावट को इस वर्ष एथेनॉल के लिए अधिक चीनी डायवर्जन (23-24 में 21.5 लाख टन के मुकाबले 40 लाख टन का अनुमान) और महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी मिलों की देर से शुरुआत को वजह माना है। इस्मा ने चीनी वर्ष 2024-25 में भारत की चीनी खपत 280 टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष से लगभग 15 लाख टन कम है। पिछले साल देश में आम चुनाव के चलते चीनी की अधिक खपत हुई थी।

मौजूदा स्थिति को देखते हुए पेराई वर्ष 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) के अंत तक कुल चीनी उत्पादन 280 लाख टन रहने का अनुमान है जो पिछले साल के 319 लाख टन चीनी उत्पादन से 12.23 फीसदी कम है। इसमें एथेनॉल के लिए चीनी उत्पादन के आंकड़े शामिल नहीं हैं।

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