देश में बनेंगे नौ विश्व स्तरीय स्वच्छ पौध केंद, फलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 1766 करोड़ की परियोजना को मिली स्वीकृति 

Ashwini Vaishnav

हलधर किसान, नई दिल्ली। फलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 1766 करोड़ की परियोजना पर अपनी मुहर लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में देश में नौ विश्व स्तरीय स्वच्छ पौध केंद्र स्थापित किए जाने का फैसला लिया गया है।  

 केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, सीपीपी बागवानी फसलों में वायरस संक्रमण की समस्या से निपटेगी, जिससे उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती है।  इस कार्यक्रम के तहत पूरे देश में नौ विश्व स्तरीय स्वच्छ पौध केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों में संक्रमण की जांच की उन्नत तकनीक और ऊतक संवर्धन प्रयोगशालाएं भी होंगी। इसके अलावा, बीज अधिनियम 1966 के तहत एक मजबूत प्रमाणन प्रणाली का कार्यान्वयन किया जाएगा। अच्छे पौधों के लिए बड़े पैमाने पर नर्सरियों को बुनियादी ढांचागत सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।

clean plantation

किसानों को मिलेगी बेहतर पौध, बढ़ेगी आय 

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से यह कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया था। इसका उद्देश्य पूरे देश में फलों की फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाना है। इसकी घोषणा पहले फरवरी 2023 में वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में की गई थी। सीपीपी से किसानों, नर्सरियों, उपभोक्ताओं को लाभ मिलने और निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

इससे किसानों को वायरस.मुक्तए उच्च गुणवत्ता वाले पौधे मिलेंगेए जिससे पैदावार बढ़ेगी और आय के अवसर बेहतर होंगे। इस कार्यक्रम के जरिये किसानों को किफायती मूल्य पर अच्छे पौधे मिलेंगे। इसके नियोजन और कार्यान्वयन में महिला किसानों को भी सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा।

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड करेगा क्रियान्वित

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से क्रियान्वित किया जाएगा। बयान में यह भी कहा गया है कि यह पहल मिशन लाइफ और वन हेल्थ पहल के अनुरूप है जो आयातित रोपण सामग्री पर निर्भरता को कम करते हुए टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देती हैं।

10 वर्षों में बागवानी निर्यात 50,000 करोड़ के पार

वैष्णव ने कहा कि पिछले दस वर्षों में बागवानी निर्यात बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। सीपीपी से फलों के अग्रणी वैश्विक निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होने की उम्मीद है।

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