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दो पैकेट बीज पाने घंटों धूप में कतार लगा रहे किसान

बीटी कॉटन के विशेष बीज की मांग, कालाबाजारी के लग रहे आरोप  हलधर किसान। कड़ी धूप में खरीफ सीजन के लिए खेत तैयार करने के बाद अब बीज पाने के लिए भी किसानों को पसीना बहाना पड़ रहा है। मप्र के खरगोन जिले में कपास की बुआई के विशेष कंपनी के बीज राशि (659) की…

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field of cotton trees

कपास बुआई में न करें जल्दबाजी, बीज खरीदते समय लें पक्का बिल 

हलधर किसान। खरीफ 2024 में गर्मी कपास की बुआई की तैयारी चल रही है। ऐसे में कपास बीज को लेकर खिंचतान शुरु हो गई है, जिसको लेकर कृषि विभाग सतर्कता बरतने लगा है। किसानों से पक्का बिल लेने के साथ ही खरीदी के दौरान अधिक दाम लेने पर शिकायत करने के लिए अफसरों, की नियुक्ति…

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कीटनाशक छिड़काव में लापरवाही से दुनिया मे हो रहा करोड़ों रुपये का नुकसान 

कीटनाशक छिड़काव में लापरवाही से दुनिया मे हो रहा करोड़ों रुपये का नुकसान 

हलधर किसान। केवाईसी नही कराने पर देश की करीब 7 हजार पेस्टिसाइड कम्पनियो पर हुई लायसेंस निरस्ती कार्रवाई के बीच नया दावा सामने आया है।  बीएएसएफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कीटनाशक का सही प्रयोग न करने से दुनिया में फसलों के खराब होने से सालाना 31.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है। 30…

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25 बीज विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित, 207 बीटी कॉटन के लिए नमूने

25 बीज विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित, 207 बीटी कॉटन के लिए नमूने 

हलधर किसान. श्रीगंगानगर। खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले कृषि अमला खाद. बीज की गुणवत्ता की जांच में जुट गया है। बीटी कॉटन की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रबंधन के तहत बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग ने विशेष गुण नियंत्रण अभियान चल रखा है। इस बीच विशेष अभियान के तहत…

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डी-धान की खेती में कारगर साबित हो रही डीएसआर तकनीक से कम लागत में हासिल कर सकते है अधिक मुनाफा

डी-धान की खेती में कारगर साबित हो रही डीएसआर तकनीक से कम लागत में हासिल कर सकते है अधिक मुनाफा

हलधर किसान। खेती में मजदूरों की कमी हमेशा से चिंता का विषय रही है। धान की खेती में भी मजदूर न मिलने से रोपाई में किसानों को बेहद परेशान होना पड़ता है।  महंगी होती मजदूरी से खेती की लागत भी काफी बढ़ जाती है, जिससे किसानों को धान की खेती करने में कई तरह की परेशानियों का सामना…

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बेहद मुनाफे वाली है यह खेती, फसल ही नहीं इसके अवशेषों से भी होगी कमाई, बन जाएंगे मालामाल

बेहद मुनाफे वाली है यह खेती, फसल ही नहीं इसके अवशेषों से भी होगी बम्पर कमाई, बन जाएंगे धनवान

मूंग की खेती: कम समय, कम लागत, ज्यादा मुनाफा! बलिया (उत्तर प्रदेश): कहा जाता है कि आम के साथ उसकी गुठली भी फायदे का सौदा होती है. उसी तरह मूंग की खेती भी किसानों के लिए एक ऐसा ही विकल्प है, जहां फसल तो बाजार में अच्छे दाम पर बिकती ही है, साथ ही इसके…

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रबी सत्र में अब तक 86 लाख हेक्टेयर बुआई, 5 प्रतिशत घटा गेहूं रकबा

रबी सत्र में अब तक 86 लाख हेक्टेयर बुआई, 5 प्रतिशत घटा गेहूं रकबा

हलधर किसान। चालू रबी मौसम (सर्दियों की बोआई) में अबतक गेहूं की बोआई का रकबा पांच प्रतिशत घटकर 86.02 लाख हेक्टेयर रह गया है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले साल की समान अवधि में गेहूं का रकबा 91.02 लाख हेक्टेयर था। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष की इसी अवधि…

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65 एकड़ क्षेत्र में कपास फसल का हुआ प्रदर्शन, नागपुर की देशी किस्मों की हुई थी बुआई

65 एकड़ क्षेत्र में कपास फसल का हुआ प्रदर्शन, नागपुर की देशी किस्मों की हुई थी बुआई 

हलधर किसान। मप्र के खरगोन जिले में खरीफ वर्ष 2023 में   नवाचार के रुप में लगाई गई कपास फसल का बुधवार को प्रदर्शन किया गया। केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र नागपुर से कपास की कम फैलने वाली एवं कम बढ़वार वाली देशी किस्में सीएएन 1032 (बीएस), सीएएन 1028 (बीएस)ए सुरज बीटी (बीएस), रजत बीटी (बीएस),…

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हलधर किसान (22)

गेहूं की नई बायोफोर्टिफाइड किस्में डीडीडब्ल्यू.55 और डीबीडब्ल्यू.316 

हलधर किसान (रबी सीजन)। गेहूं भारतीय किसानों के लिए मुख्य फसल है और उनकी आर्थिक संतुलन की देखभाल करती है। हाल के समय में तापमान के बढ़ते हुए प्रभाव के कारण गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ा है। इस समस्या का समाधान ढूंढते हुए  कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा गेहूं की नई.नई किस्में विकसित की जा…

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एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) सीज़न के लिए फसल उत्पादन का पहला अनुमान जारी किया है, जिसमें इसका अनुमान 29.5 मिलियन गांठ (1 गांठ = 170 किलोग्राम) है, जो 15 वर्षों में सबसे कम है। यह अनुमान पिछले साल के 31.8 मिलियन गांठ से कम है, और चालू सीज़न के लिए सरकार का पहला अग्रिम अनुमान 31.6 मिलियन गांठ है। सीएआई को उम्मीद है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण कपास उगाने वाले राज्यों में पैदावार में 5-20% की गिरावट आएगी। उत्तर भारत में गुलाबी बॉलवर्म के गंभीर हमले के कारण, फसल के आकार का अनुमान 6.2 मिलियन गांठों से घटाकर 4 मिलियन कर दिया गया है। व्यापार निकाय, जिसने हाल की बैठक में फसल अनुमान को अंतिम रूप दिया, को उम्मीद है कि वह 15 नवंबर को अपनी अगली बैठक में स्थिति का जायजा लेगा। 2008-09 के बाद, यह कपास की सबसे कम फसल है," सीएआई के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने कहा, उन्होंने अल नीनो में गिरावट और कपास की खेती के क्षेत्र में 5.5% की कमी को जिम्मेदार ठहराया।

15 साल बाद कपास उत्पादन में गिरावट, सीएआई ने जारी किया अनुमान

हलधर किसान | एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) सीज़न के लिए फसल उत्पादन का पहला अनुमान जारी किया है, जिसमें इसका अनुमान 29.5 मिलियन गांठ (1 गांठ = 170 किलोग्राम) है, जो 15 वर्षों में सबसे कम है। यह अनुमान पिछले साल के 31.8 मिलियन गांठ से कम है, और चालू सीज़न के…

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