प्रतिबंधित कीटनाशकों की सूची से नाईट्रोवेंजीन के नाम का आदेश किया निरस्त
हलधर किसान , इंदौर। देशभर में 38 कीटनाशक दवाईयों के प्रतिबंध मामले में शाजापुर कृषि विभाग को दोबारा आदेश जारी करना पड़ा है। यह स्थिति देवी क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के झोनल मैनेजर द्वारा जताई आपत्ति के बाद बनी है। विभाग ने नए आदेश में देवी क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के नाईट्रोवेंजीन को प्रतिबंध सूची के जारी आदेश को निरस्त करते हुए नया आदेश जारी किया है।
इस आदेश में उल्लेख किया है कि 26 जुलाई को दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित 38 कीटनाशक प्रतिबंध होने के बाद भी शहर में बेचे जा रहे है। इस संबंध में विभाग ने संबंधित समाचार पत्र से भी जवाब मांगा है। जबकि इसके पूर्व 30 जुलाई को विभाग द्वारा जारी आदेश में जिले के सभी विकासखंड डीलरों को आदेश जारी कर निर्देश दिए थे कि 38 प्रतिबंध दवाईयों का विक्रय न करें, इस सूची में 25वें नंबर पर नाईट्रोबेंजीन का प्रोडक्ट भी शामिल था।
इस पर कंपनी के झोनल मैनेजर अरुण मेहता ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कृषि निदेशक किसान कल्याण एवं कृषि विकास संचालनालय, भोपाल में आपत्ति दर्ज कराई थी। पत्र के माध्यम से मांग की गई थी कि बाजार में जारी किए सर्कुलर से कंपनी के डीलरों के बीच फैली भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है। उनकी कंपनी देवी क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड सीआईवी और आरसी पंजीकरण प्रमाण पत्र नाइट्रोवेंजीन के साथ पीजीआर के रुप में नाईटोबेंजीन 20 ईडब्ल्यू का विपणन करता है।
हमने इसके लिए राज्य विपणन कार्यालय से अनुमति भी ली है। बाजार में सर्कुलर जारी होने से डीलर भ्रमित हो रहे है, इसलिए कीटनाशक प्रतिबंध को लेकर जारी सूची में सुधार कर उसे दोबारा जारी किया जाए, जिससे डीलरों के बीच फैला असमंजस दुर हो सके। इस आपत्ति के एक सप्ताह में ही विभाग को आदेश में बदलाव करना पड़ा। मिली जानकारी अनुसार विभाग ने उक्त प्रतिबंधित कीटनाशको की सूची समाचार पत्र में छपी सूची के आधार पर जारी कि थी, जिससे यह स्थिति निर्मित हुई।
प्रोडक्ट बिक्री को लेकर हो रहे थे चिंतित-
इंदौर जागरुक कृषि आदान विक्रेता संघ जिलाध्यक्ष श्रीकृष्णा दुबे ने बताया कि वे भी देवी क्रॉप साइंस प्रायवेट लिमिटेड के प्रोडक्ट विक्रय करते है। शाजापुर कृषि उप संचालक द्वारा जारी प्रतिबंधित कीटनाशको की सूची वायरल होकर लगभग समूचे प्रदेश में पहुंची थी। जिसके बाद उनके पास भी व्यापारियों के फोन आ रहे थे।
विक्रेताओं में चिंता के साथ असमंजस की स्थिति बन गई थी, क्योंकि खरीफ सीजन के दौरान अधिकतर व्यापारियों ने इस कंपनी का माल अपने प्रतिष्ठान पर रखा है। प्रतिबंध के बाद दुकान पर इस कंपनी का प्रोडक्ट मिलने पर कार्रवाई की संभावनाओं को देखते हुए दुकानदार चिंतित थे कि वह प्रोडक्ट बेचे या नही। अब नया आदेश जारी होने के बाद व्यापारियों को राहत मिली है।
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