फसल कटाई के बीच बदला मौसम, गरज के बाद गिरे ओले झिरन्या में रुक- रुककर हो रही बारिश गिर रहे ओले 

फसल कटाई गरज के बाद गिरे ओले

हलधर किसान। मप्र में एक बार फिर  मौसम ने करवट बदली है, बीते एक पखवाड़े से जहां दिन और रात का तापमान तेजी से बढ़ रहा था तो वही मंगलवार को अचानक आसमान में घने बादल छा गए, तेज हवा चली। कई जगह हल्की बारिश तो कहीं ओलावृष्टि के समाचार है।

असमय वर्षा ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। गेहूं की फसल तैयार है, कई जगह कटाई चल रही है तो कहीं कटाई की तैयारी है। ऐसे में बारिश से किसान चिंतित हो गए है कि  फसल सुरक्षित घर आएगी या नही। बारिश से दाने के नुकसान होने के साथ ही खड़ी फसल के बिछने की आशंका बढ़ गई है। 

 मिली जानकारी अनुसार खरगोन जिले झिरन्या क्षेत्र में  रुक- रुककर बारिश हो रही है। सोमवार.मंगलवार की दरमियानी रात तेज हवाओं व गरज चमक के साथ जमकर बारिश हुई। तेज बारिश से जहां बिजली गुल हो गई तो कई जगह पेड़ गिरने के भी समाचार है।

सेगांव जनपद के ग्राम पनवाडा के कृषक राधेश्याम खतवासे ने बताया कि दोपहर में चली तेज हवां से मक्का, गेहू की फसल खेत में चादर की तरह बिछ गई है। इसी तरह भगवानपुरा, बिस्टान,  झिरन्या क्षेत्र में रुक. रुककर बारिश हो रही है, जिससे खरीफ फसलें चौपट हो गई। झिरन्या में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात तेज हवाओं व गरज चमक के साथ जमकर बारिश हुई। तेज बारिश से जहां बिजली गुल हो गई तो कई जगह पेड़ गिरने के भी समाचार है।

मंगलवार सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो फसलें जमीन पर बिछी मिली। दिन में धूप खिलने से जहां किसान राहत महसूस करने लगे तो फिर दोबारा तेज बारिश के साथ ओले गिरने लगे। किसानों का मानना है कि इसका असर उत्पादन पर होगा।

खरीफ सीजन में भी तैयार हो चुकी कपास फसल के समय तेज बारिश होने से किसान नुकसान उठा चुके थेए अब रबी फसलों से भरपाई की उम्मीद लगाए बैठे किसान फिर मौसम की मार से लाचार नजर आ रहे है।ख़ास कर गेहूं उत्पादक किसान काफी मायूस दिख रहे है।

किसानों ने बताया गेहूं कटाई का वक्त हैए इस बरसात से किसानों को उत्पादित फसल का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।  जिस वक्त उन्हें बरसात की आवश्यकता थी तो उस वक्त बरसात हुई नहींए अब जब की खेतों में गेहूं की खड़ी फसल को काट कर तैयारी के लिए जुटे हुए थे इसी बीच आई बरसात ने हम किसानों के मेहनत पर पानी फेर दिया।

फिर से काटी गई फसल को सुखा कर तैयार करने में वक्त लगेगा। इसके अलावा आम के पेड़ों में आए फूलों पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *