विधायक ने किया मुहुर्त पूजन, 10121 रुपए प्रति क्विंटल बिका डालॅर चना

MLA performed Muhurat Puja Dollar gram sold at Rs. 10121 per quintal

पहली बार खरगोन मंडी में की जा रही खरीदी, 800 वाहनों से हुई आवक

हलधर किसान खरगोन। प्रदेश की ए ग्रेड मंडियों में शुमार शहर के आनंद नगर स्थित कपास मंडी में गुरूवार को डॉलर चने की बंपर आवक के बीच खरीदी का श्रीगणेश हुआ। पहली बार मंडी में शुरू हुई चना खरीदी का मुहूर्त पूजन विधायक बालकृष्ण पाटीदार, कलेक्टर भव्या मित्तल ने विधिवत् पूजन-अर्चन के साथ किया। सुबह 10 बजे से पूजन शुरू हुआ। इसके बाद पहले वाहन का चना 10 हजार 121 रुपये बोली लगाकर खरीदी की शुरूआत हुई। रमनगांव के कृषक धीरेंद्र सिंह का पहला वाहन उपज मुहूर्त दाम पर बिका। 

जिला मुख्यालय पर चना खरीदी के साथ ही मुहूर्त में अच्छे दाम मिलने से किसान उत्साही नजर आए। विधायक पाटीदार ने कहा अब तक जिले के किसान धामनोद ओर इन्दौर मंडी में डॉलर चने की बिक्री के लिए जाते थे। लंबे से मुख्यालय पर ही डॉलर चना खरीदी की मांग की जा रही थी, जिस पर  मंडी ओर जिला प्रशासन से चर्चा कर आनन्द नगर मंडी का खरीदी के लिए चयन हुआ है। यहां पहले ही दिन करीब 800 वाहनों से बम्पर आवक हुई है। आगामी दिनों में डॉलर चने की आवक बढऩे के साथ ही अच्छे दाम मिलने की उम्मीद गए। निमाड़ में वर्तमान में डॉलर चने का बंपर उत्पादन हो रहा है और खाड़ी देशों में मांग अधिक होती है। इससे किसानों के साथ व्यापारियों को भी राहत मिलेगी। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने कहा यह किसानों के हित में अच्छी पहल है। किसानों को अब दूसरे जिलों में अपनी उपज बेचने जाने के लिये परेशान नही होना पड़ेगा। इसके अलावा प्रतिस्पर्धा बढऩे से किसानों को भी अच्छे दाम मिलने के साथ ही अपनी उपज बेचने के लिए नया बाजार मिलेगा।  

धामनोद, इंदौर जाने से मिलेगी राहत

अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचे पिपराटा के किसान सुभाष कुशवाह,  नागझिरी के अजय, सेल्दा के राघुराम ने बताया कि जिले में लंबे समय से काबुली (डॉलर) चना का उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन जिले में खरीदी का बाजार नही होने से धामनोद और इंदौर का रुख करना मजबुरी बन गया था। ऐसे में किसानों को करीब 5 से 6 हजार रुपए वाहन भाड़े के साथ ही आवाजाही का समय भी लगता था। अब मुख्यालय पर खरीदी शुरु होने से किसानों को भावों के उतार-चढाव की जानकारी मिलने के साथ ही किस मंडी में उपज बेचना है इसका निर्णय लेने में आसानी होगी। उल्लेखनीय है कि रबी सीजन में करीब  1 लाख 32 हजार हेक्टेयर रकबे में चना बुआई की गई है।  

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