हलधर किसान इंदौर। बिना लाइसेंस व्यापारी अब जैविक पदार्थो की बिक्री नहीं कर सकेंगे। इसके लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। अभी तक जैविक और कंपोस्ट खाद बेचने पर कोई रोक.टोक नहीं थी। पिछले कुछ सालों में जैविक उत्पाद और कंपोस्ट की बिक्री का प्रचलन तेजी बढ़ा है।
केंद्र सरकार द्वारा सभी प्रकार के जैविक पदार्थ को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर 1985 के तहत शामिल कर लिया है और इनकी बिक्री के लिए फर्टिलाइजर का लाइसेंस सभी डीलरों के लिए अनिवार्य हो गया है।
कृषि आदान विक्रेता संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं प्रदेश सचिव संजय रघुवंशी एवं जागरुक कृषि आदान विक्रेता संघ जिलाध्यक्ष श्रीकृष्णा दुबे ने बताया 11 मार्च 2025 को केंद्र सरकार की ओर से सभी डायरेक्टर एग्रीकल्चर और कृषि सचिव को नए आदेश जारी करते हुए निर्देश दिया है कि सभी जैविक पदार्थ के लिए ऑथराइजेशन लेटर निर्माता कंपनियां, थोक डीलर एवं रिटेलर के लिए अनिवार्य किया गया है। इन निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाए। संघ ने कीटनाशक व्यापारियों से अपील की है कि फर्टिलाइजऱ के लाइसेंस के बिना किसी प्रकार का जैविक पदार्थ न बेचें। बिना लायसेंस व्यापार करने पर कानूनी कार्रवाई के शिकार हो सकते है। श्री दुबे ने बताया जैविक खेती के प्रति किसानों के बढ़ते रुझान के बाद जिस हिसाब से जैविक खाद बेचने वाली संस्थानों की संख्या दिन.ब.दिन बढ़ रही है उसके बाद जवाबदेही तय करने के लिए कृषि विभाग ने कड़ाई बरतनी शुरू कर दी है। कीटनाशक व्यापार के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर कानून के तहत कार्रवाई होगी।

संवाददाता – श्रीकृष्ण दुबे, इन्दौर