बीटी कॉटन के विशेष बीज की मांग, कालाबाजारी के लग रहे आरोप
हलधर किसान। कड़ी धूप में खरीफ सीजन के लिए खेत तैयार करने के बाद अब बीज पाने के लिए भी किसानों को पसीना बहाना पड़ रहा है। मप्र के खरगोन जिले में कपास की बुआई के विशेष कंपनी के बीज राशि (659) की मांग बढऩे से इसकी कालाबाजारी की शिकायतें भी सामने आ रही है,
नतीजतन गुरुवार को कृषि विभाग की ओर से अनाज मंडी में टोकन वितरण की व्यवस्था रखी गई, जिसकी सूचना पर सैंकड़ों किसान सुबह से ही मंडी पहुंच गए। सुबह 9बजे ही लगभग 200 से अधिक किसान बीज लेने पहुंचे गए, दोपहर एक बजे तक इनकी संख्या 500 पार कर गई। इनमें कई महिलाएं, युवक- युवती, बालक- बालिकाएं भी थी।
मुख्य बातें:
- खरगोन जिले में कपास की बुवाई के लिए किसानों को बीज नहीं मिल पा रहा है।
- एक विशेष कंपनी के बीज की कालाबाजारी हो रही है।
- किसानों का आरोप है कि दुकानदार टोकन के बाद भी 864 रुपए में बीज नहीं दे रहे हैं, बल्कि 1100-1200 रुपए वसूल रहे हैं।
- कृषि विभाग का कहना है कि उन्होंने 9 लाख पैकेट बीज की मांग कंपनियों से की है, लेकिन अभी भी किसानों को परेशानी हो रही है।
कृषक कृष्णलाल कर्मा निमगुल, मीरा सोलंकी चंदनपुरी ने बताया कि सुबह 9 बजे से कतार में लगे है, दोपहर 1 बजे टोकन मिला। अब यहां से दुकानदार के पास बीज लेने में कितना समय लगेगा पता नही। यदि शासन किसानों को बीज उपलब्ध कराना चाहता है तो सीधे दुकानदार पर नकेल क्यों नही कसी जा रही।
किसानों ने आरोप लगाया टोकन देने के बाद बीज 864 रुपए में दिया जा रहा है, जबकि सीधे दुकान पहुंचने पर दुकानदार पहले तो बीज की कमी बताते है, इसके बाद 1100-1200 रुपए की मांग करते है। वह भी बिना बिल के बीज उपलब्ध कराते है। ऐसे में यदि बीज खराब निकलता है तो इसकी शिकायत कहां करें, भरपाई कहां से होगी।
निजी दुकानों से बीज की कालाबाजारी
ग्रामीण क्षेत्रों से आए किसानों को दिनभर परेशान होने के बाद निराशा हाथ लगी। एक पावती पर किसानों को दो पैकेट बीज दिया गया। संतोष पाटीदार पीपरी, कमल पाटीदार नंदगांव रोड आदि ने बताया कि खेतों में कपास बोने के लिए सारी तैयारियां हो गई, तो अब बीज नहीं मिल रहा है।
भीषण गर्मी में बीज के लिए गांव से शहर की दौड़ लगना पड़ रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि खरगोन शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ चुंनिदा दुकानों पर ही पर राशि का बीज बेचा जा रहा हैं। जहां किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने दाम पर बीज बेचा जा रहा है। कंपनी द्वारा एक पैकेट की कीमत 730 रुपए निर्धारित की गई। किसानों के अनुसार व्यापारी इसके बदले में 1100 से 1200 रुपए वसूल रहे हैं।
बीज की डिमांड भेजी है
किसानों द्वारा एक विशेष कंपनी का बीज ही ज्यादा खरीदा जा रहा है। इसलिए साल्टेज है। कोई व्यापारी यदि अधिक कीमत ले रहा है, तो प्रमाण सहित शिकायत करें। तत्काल लाइसेंस निरस्त किया करेंगे। खरीफ सीजन में कृषि विभाग ने 2 लाख 20 हजार हेक्टेयर में कपास बुआई का लक्ष्य रखा है।
किसानों को बीज आसानी से उपलब्ध हो इसके लिए पहले ही बीज कंपनियों को 9 लाख पैकेट की डिमांड भेजी गई है। – एमएल चौहान, उप संचालक कृषि विभाग।
किसानों की मांगें:
- किसानों ने सरकार से मांग की है कि वह बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
- बीज की कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जाए।
- बिना बिल के बीज बेचने पर रोक लगाई जाए।
इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है?
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