रिपोर्ट के एक माह बाद भी बीज कंपनी पर नही हुई कार्रवाई, किसानों में आक्रोश

Even after a month of the report no action was taken against the seed company anger among farmers

मामला: कोठाखुर्द में गुणवत्ताहीन बीज से अफलन का शिकार हुई मक्का फसल का, डीडीए से मिले किसान 

हलधर किसान खरगोन। जिले के ग्राम देवली और कोठा बुजुर्ग में करीब 35 एकड़ की मक्का फसल खराब होने की वजह गुणवत्ताहीन बीज होने का खुद प्रशासनिक स्तर पर गठित दल द्वारा प्रतिवेदन जारी कर पुष्टि करने के बाद भी संबंधित विक्रेता और कंपनी पर कार्रवाई होने से किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसानों का आरोप है कि बार- बार शिकायत के बाद भी केवल आश्वासन ही दिए जा रहे है। 

गुरुवार को प्रभावित किसान कृषि उप संचालक कार्यालय पहुंचे। यहां उप संचालक एसएस राजपुत से मुलाकात कर  उनके नुकसान की भरपाई के साथ ही संबंधित कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। डीडीए से मिलने पहुंचे छन्नुलाल कुमरावत, नरेंद्र, दिलीप, कन्हैयालाल, दिनेश, प्रेमलाल, सोहन आदि कसानों ने बताया कृषि अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों के दल ने प्रभावित फसल का निरीक्षण करने के बाद फसल के अफलन का कारण बीज को मानते हुए इसकी रिपोर्ट एक माह पहले कृषि विभाग को दे दी है,

इसके बावजूद अब तक विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नही कि जा रही, जिससे किसानों को कृषि विभाग की मंशा पर भी संदेह हो रहा है। इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन को भी लिखित में दे चुके है लेकिन कलेक्टर ने भी इस गंभीर मुद्दे पर अब तक कोई पहल नही की है, इससे किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। 

यह था मामला

किसानों ने बताया कि वह विगत कई वर्षो से काश्तकारी का काम कर रहे हैं।  रबी सीजन में दोनों गांव के करीब 15 किसानों ने नवभारत कंपनी का बीज का क्रय किया गया था। जिसमें मक्का का बीज नकली एवं गुणवत्ताहीन होने के कारण हम लोगों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। बोवनी के बाद पौधा तो बना लेकिन उसमें अंकुरण नही हुआ।  जिसके कारण लगभग 35 एकड़ की फसल 70 प्रतिशत से ज्यादा बर्बाद हो गई है। इसकी पुष्टि कृषि विभाग द्वारा गठित जांच दल ने भी की है। प्रभावित किसानों को करीब 20 लाख रूपये का आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। पीडि़तो ने बताया कि कंपनी के द्वारा धोखाधड़ी कर झूठा प्रलोभन व आश्वासन देकर उक्त नकली बीज का विक्रय किया  है। जिसके कारण हम सभी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। कृषि अधिकारी एवं जिला कलेक्टर से किसानों ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर मांग की है कि दुकानदार व कंपनी के विरूद्व सख्त कार्रवाई करने के साथ ही उनके नुकसान की भरपाई कराई जाए।  

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