किसानों के कल्याण के लिए डीएएंडएफडब्ल्यू  ने गिनाई  प्रमुख उपलब्धियां

DAFW lists major achievements for farmers welfare

डिजिटल कृषि मिशन, 02.09.2024 को ₹2,817 करोड़ के बजट के साथ स्वीकृत

कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से फसलों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय फसल विविधीकरण और गुणात्मक इनपुट तथा कृषि संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के संदर्भ में उत्पादन पहलुओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्षमता निर्माण के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई पहल की हैं

प्रमुख  

  • बजट आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि- 2024-25 के दौरान किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के अंतर्गत 122528.77 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
  • रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन- तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2023-24 के लिए खाद्यान्न उत्पादन 332.30 मिलियन टन दर्ज किया गया है, जबकि बागवानी उत्पादन 352.23 मिलियन टन है। 
  • पीएम-किसान दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है। 18 किस्तों के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक पीएम किसान लाभार्थी किसानों को कुल 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया गया है।
  • 020 में अपनी स्थापना के बाद से, एआईएफ ने 84,159 परियोजनाओं के लिए ₹51,364 करोड़ मंजूर किए हैं। इनमें  गोदाम, प्रसंस्करण केंद्र, कोल्ड स्टोरेज और अन्य कटाई के बाद की सुविधाएं शामिल हैं। 28.08.2024 को सरकार ने सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों को एकीकृत करने, द्वितीयक प्रसंस्करण और पीएम-कुसुम घटक-ए के साथ अभिसरण सहित एआईएफ के दायरे का विस्तार करने के उपायों को मंजूरी दी। 
  • एफपीओएस को बढ़ावा- 29 फरवरी 2020 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गई, 10,000 एफपीओ के गठन और संवर्धन के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना का बजट 2027-28 तक ₹6,865 करोड़ है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय नाबार्ड, एसएफएसी, नेफेड और अन्य सहित 14 एजेंसियों के माध्यम से इसके कार्यान्वयन की देखरेख करता है। आवंटित 10,000 एफपीओ में से 9,180 पंजीकृत हो चुके हैं।
  • उपलब्धियाँ (2014-15 से 2024-25, नवंबर 2024 तक):
    • राज्यों में 8,565 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
    • ट्रैक्टर और पावर टिलर सहित 1,909,809 कृषि मशीनें वितरित की गईं।
    • 26,637 सीएचसी, 609 हाई-टेक हब और 24,176 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए गए।
    • किसान ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए 141.39 करोड़ रुपये जारी किए गए, जिसमें आईसीएआर को 296 ड्रोन खरीदने के लिए 52.5 करोड़ रुपये शामिल हैं।
    • किसानों को 527 ड्रोन दिए गए और 1,595 ड्रोन सीएचसी स्थापित किए गए।
    • आईसीएआर ने 287 कर्मियों को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया है।
    • 30,234.7 हेक्टेयर क्षेत्र में 27,099 ड्रोन प्रदर्शन किए गए, जिससे 351,856 किसान लाभान्वित हुए।
    • नमो ड्रोन दीदी योजना- सरकार ने किसानों को उर्वरक और कीटनाशक लगाने जैसी किराये की सेवाएं देने के लिए 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करने के लिए 1,261 करोड़ रुपये की केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है। 2023-24 में, 500 ड्रोन खरीदे गए (स्वयं के संसाधनों से) और लीड फर्टिलाइजर कंपनियों (एलएफसी) द्वारा वितरित किए गए। शेष 14,500 ड्रोन 2024-25 और 2025-26 में प्रदान किए जाएंगे।
    • कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण- कृषि में जमीनी स्तर पर ऋण वितरण में 349 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2013-14 में ₹7.30 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में ₹25.48 लाख करोड़ हो गया है। इसमें अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के ऋण शामिल हैं। उल्लेखनीय रूप से, अल्पकालिक ऋणों में भी 275 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। यह वित्त वर्ष 2013-14 में ₹5.48 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में ₹15.07 लाख करोड़ हो गया है।
    1. 2018-19 से फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना (नवंबर, 2024 तक): 2018-19 में शुरू की गई फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना, वायु प्रदूषण को दूर करने और फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी पर सब्सिडी देने में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली की सहायता करती है।
    उपलब्धियाँ:
    • पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और आईसीएआर को 4,391.80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
    • 319,103 इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें वितरित की गईं।
    • 40,996 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए।
    • 2023 की तुलना में 2024 के मौसम में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धान की पराली जलाने की घटनाओं में 57 प्रतिशत की कमी आई है।
    1. जलवायु लचीली किस्में- बाढ़/जल डूब/जल भराव सहनशीलता, सूखा/नमी तनाव/जल तनाव सहनशीलता, लवणता/क्षारीयता/सोडियम मिट्टी सहनशीलता, ताप तनाव/उच्च तापमान सहनशीलता, ठंड/ठंढ/सर्दियों में ठंड सहनशीलता सहित चरम जलवायु के लिए विशेष रूप से अनाज, तिलहन, दलहन, चारा फसलों, फाइबर फसलों और शर्करा फसलों की जलवायु लचीली फसल किस्मों को सटीक फेनोटाइपिंग उपकरणों का उपयोग करके विकसित किया गया है। आईसीएआर ने हाल ही में 109 जलवायु लचीली किस्में जारी की हैं जो किसानों को कृषि जलवायु परिस्थितियों के आधार पर इसे अपनाने में मदद करेंगी।

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