डेयरी व्यवसाय अपनाकर छाया दीदी बन गई लखपती

adopting dairy business

हलधर किसान ,खरगोन। जिले के ग्राम रेहगांव की महिला डेयरी व्यवसाय में  एक सफल उद्यमी के रुप में उभर रही है।  छाया यादव ने  मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर डेयरी व्यवसाय को चुना और छोटे स्तर पर शुरु किया गया यह व्यवसाय अब उनके साथ ही परिवार की आजीविका का साधन बन गया है। वे हर माह 20 हजार रुपये की शुद्ध आय कमा रही है। छाया की इस सफलता ने उनका सामाजिक रूतबा भी बढ़ा दिया है। अब वे लखपती छाया दीदी के नाम से पहचान बना चुकी है।

 खरगोन जिले के भीकनगांव विकासखण्ड के ग्राम रेहगांव की छाया यादव के परिवार में कुल 04 सदस्य है। परिवार के पास कम कृषि भूमि होने व रोजगार के साधन नहीं होने के कारण उसके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन जब वह आजीविका मिशन से जुड़ गई तो उसके दिन भी बदलने लगे। आजीविका मिशन से जुडऩे के बाद उसने अपने पति सुनिल यादव के साथ भैंस पालन का काम प्रारंभ किया। शुरू में उसने बिना दूध देने वाली भैंसों को कम कीमत में लेकर उन्हें बड़ा करने के बाद अच्छी कीमत में बेचना शुरू किया।

इसके बाद उसने बैंक से 01 लाख रुपये का ऋण लेकर डेयरी का काम प्रारंभ किया। उसके इस काम में पूरे परिवार ने साथ दिया है। जिसके कारण आज वह प्रतिदिन 30 से 40 लीटर दूध बेंच रही है। इससे उसे प्रतिमाह 15 से 020 हजार रुपये तक की शुद्ध बचत होने लगी है।  छाया दीदी ने डेयरी व्यवसाय से मिले अनुभवों का लाभ लेकर जैविक खेती करना भी प्रारंभ किया है। जिससे वह अपने सीमित खेतों से अधिक उत्पादन लेने वाले किसानों में शामिल है। अपने इस व्यवसाय को बढ़ाने के लिए छाया दीदी ने श्रीराम आजीविका समूह से 01 लाख 50 हजार रुपये का ऋण लिया है। व्यवसाय से अच्छी खासी आय होने के चलते छाया दीदी के परिवार का जीवन स्तर एवं रहन.सहन भी बदल गया है। अब वह अपने बच्चो की अच्छी शिक्षा स्वास्थ्य के बारे में भी ध्यान देने लगी है। 

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