सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसानों को पुरस्कृत करेगी केंद्र सरकार, 15 सितम्बर तक कर सकते है आवेदन

हलधर किसान। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय देश के सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान को पुरस्कृत करने जा रही है. जिसके तहत देश के सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान को 5 लाख रुपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसी कड़ी में मंत्रालय ने देश के सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान को चिन्हित करने और चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस यानी 26 नवंबर के अवसर पर दिया जाएगा. इस पुरस्कार का नाम राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार है. जो डेयरी क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का सर्वश्रेष्ठ सरकार पुरस्कार है.
15 सितंबर तक करना होगा आवेदन
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की तरफ से दिए जाने वाले राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिसके तहत 15 सिंतबर 2022 तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल अर्थात https://awards.gov.in के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है. पात्रता आदि के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु और ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए वेबसाइट https://awards.gov.in को देखा जा सकता है. वेबसाइट में ही मवेशियों तथा भैंसों की पंजीकृत नस्लों के नाम संलग्नक में किए गए हैं.

तीन श्रेणियों में दिया जाएगा पुरस्कार
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की तरफ से कुल तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार दिए जाने हैं. जिसमें पहली श्रेणी में देशी गाय/भैंस की नस्लों को पालने-पोसने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान को पुरस्कृत किया जाएगा. इसी तरह दूसरी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और तीसरी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/दुग्ध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन को पुरस्कृत किया जाएगा.

इसमेंदेशी गाय/भैंस की नस्लों को पालने-पोसने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान को 5 लाख रुपये पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे. वहीं सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन को 3 लाख और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/दुग्ध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन को 2 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा. इसके साथ ही योग्यता का प्रमाण पत्र, एक स्मृति चिन्ह भी प्रत्येक श्रेणी में प्रदान किया जाएगा.

भारतीय नस्लों को बढ़ावा देना उद्देश्य
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की तरफ से दिए जाने वाले राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य गायों और भैंसों की स्वदेशी नस्लों को बढ़ावा देना है. इस संबंध में जारी बयान में मंत्रालय ने कहा है किभारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लें काफी पुष्ट हैं और ये देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं. देश में पहली बार “राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम)” दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य स्वदेशी गोजातीय नस्लों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित तथा विकसित करना था.

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