हलधर किसान अजमेर (ज्योतिष)। प्रथम पूज्य देव भगवान श्रीगणेश की 10 दिवसीय आराधना का पर्व 7 सितंबर से शुरु होने वाला है। भादौ मास की चतुर्थी तिथि को विघ्नहर्ता घर, प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक पांडालों में धूमधाम से विराजित होंगे। बाप्पा की अगुवानी के लिए तैयारियां शुरु हो गई है। ज्योतिषियों की मानें तो गणेश चतुर्थी पर भद्रावास का शुभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही भगवान गणेश की कृपा साधक पर बरसेगी। आइएए शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।
ज्योतिषाचार्य सुदीप सोनी (जैन )ने बताया भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 07 सितंबर को प्रात: काल 04 बजकर 20 मिनट पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म योग, इंद्र योग का निर्माण भी हो रहा है। इस योग का संयोग दिन भर है। इस शुभ योग का समापन रात 11 बजकर 17 मिनट पर होगा। इसके बाद इंद्र योग का संयोग बनेगा।
वहीं, गणेश चतुर्थी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन 08 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर होगा। इसके अलावा गणेश चतुर्थी के दिन संध्याकाल 05 बजकर 37 मिनट पर भद्रावास का समापन होगा। इस दौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों का कल्याण होता है। इस शुभ योग में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सकल दुख एवं कष्ट दूर हो जाएंगे।
बन रहे हैं और भी शुभ योग
ज्योतिषाचार्य सोनी के अनुसार इस दिन चित्रा नक्षत्र और स्वाति नक्षत्र भी लग रहा है। आकाश में कुल 27 नक्षत्र पाए जाते हैं। इन नक्षत्रों में स्वाति नक्षत्र का संबंध सीधा मां सरस्वति से है और इस नक्षत्र से विद्या के क्षेत्र में उन्नति मिलती है। वहीं चित्रा नक्षत्र की बात करें तो ये 14वें स्थान पर है। ये नक्षत्र भी शुभ माना जाता है और ये ऊर्जा का प्रतीक है। गणेश चतुर्थी के दिन चित्रा नक्षत्र दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगा और इसके खत्म होने के बाद स्वाति नक्षत्र की शुरुआत होगी।