अमानक बीज.खाद बेचने के दोषियों को जेल और जुर्माना का सरकार ने किया प्रावधान
हलधर किसान हरियाणा। हरियाणा सरकार ने विधानसभा में पुराने बीज अधिनियम और कीटनाशक अधिनियम में संशोधन कर नया बिल पास कराया है, जिसमें अमानक बीज खाद और कीटनाशक बनाने वाली कंपनी और विक्रेता दोनों के खिलाफ कड़े प्रावधान किए हैं। संशोधित कानून के तहत राज्य में अब अमानक बीज और कीटनाशक बेचने वाली कंपनियों और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, अगर कोई कंपनी या विक्रेता दोषी पाया जाता है, तो उसे एक से लेकर 3 साल तक की जेल और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही इसे अब गैर.जमानती अपराध घोषित किया गया है।
इस नए कानून का विरोध भी शुरु हो गया है। कृषि आदान विक्रेता संघ ने संशोधित अधिनियम पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि सरकार कहीं न कहीं बीज एवं कीटनाशक व्यापार को खत्म करने अथवा अपने अधिकार में लेने का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मनमोहन कलंत्री ने हलधर किसान संवाददाता श्रीकृष्णा दुबे से चर्चा में कहा कि हम अमानक बीज या कीटनाशक बेचने के पक्षधर नही है, लेकिन इस तरह के कानून कहीं न कहीं व्यापारियों का मनोबल गिराने अथवा उन्हें अपराधी दर्शाने का संकेत देते है। किसी भी बीज या कीटनाशक के अमानक पाए जाने पर विक्रेता को दोषी नही ठहराया जा सकता, क्योंकि वह केवल विक्रेता है न कि निर्माता। कंपनी के दावों के आधार पर व्यापारी प्रोडक्ट की बिक्री करता है यदि दावे गलत साबित होते है तो संबंधित कंपनी को जिम्मेदार माना जाना चाहिए, इस गंभीर मुद्दे को लेकर कई बार संगठन देश की राज्य सरकारों के साथ केंद्र सरकार से भी चर्चा कर चुकी है।
कृषि आदान विक्रेता संघ की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय रघुवंशी ने बताया हमारे संगठन का मूल मंत्र हैÓ ÓÓकृषकÓ ÓमंगलमÓ Óराष्ट्रÓ ÓमंगलमÓÓÓमतलब किसानों का भला होने पर ही इस देश का भला हो सकता है और सरकार भी यही चाहती है। लेकिन सरकारों को इस बात को समझना होगा कि विक्रेता सिर्फ उन्हीं कंपनियों का बीजों एवं कीटनाशक का मूल पैकिंग में व्यापार करता है जिन्हें राज्य एवं केंद्र सरकार अपने उत्पाद को बेचने की विधिवत रूप से अनुमति देता है, ऐसी स्थिति में यदि किसी उत्पादक कंपनी द्वारा अमानक बीज दिया जाता है या किसी कीटनाशक कंपनी द्वारा अमानक कीटनाशक सील बंद करके किसी व्यापारी को दिया जाता है और उसमें यदि व्यापारी द्वारा किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई है तो व्यापारी का दोष कैसे माना जा सकता है?
सरकार को इस बात को गंभीरता से विचार करना चाहिए कि इसमें संपूर्ण दोष निर्माता एवं उत्पादक कंपनियों का आता है ना कि रिटेलर या डिस्ट्रीब्यूटर का ।
Óयदि डिस्ट्रीब्यूटर या डीलर उसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ का दोषी पाया जाए तो उसे भी सजा मिलनी चाहिए। इस बारे में हमारा संगठन सरकार के साथ है, लेकिन कंपनी के मूल पैकिंग में किसी प्रकार के छेड़छाड़ किए बिना यदि माल बेचा जाता है तो संपूर्ण दोष निर्माता कंपनियों एवं उत्पादक का ही होना चाहिए ऐसी हमारी सरकार से मांग है।Ó
Óहमारी इस मांग को हरियाणा के प्रत्येक जिले में जनप्रतिनिधियों, विधायकों सांसदों एवं कलेक्टर के माध्यम से कृषि मंत्री एवं मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम हरियाणा के सभी जिला संगठन को करना चाहिए ।
प्रदेश से जिला स्तर तक दर्ज कराएंगे विरोध
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कलंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार का नया आदेश तुगलकी फरमान के समान है। इसका प्रदेश से लेकर जिला और ब्लॉक स्तर पर विरोध दर्ज कराया जाएगा। ऑल इंडिया संगठन इस बारे में पूर्ण रूप से हरियाणा के व्यापारियों के साथ है । पूर्व में इस प्रकार का प्रावधान महाराष्ट्र में किया गया था लेकिन महाराष्ट्र के व्यापारियों ने 6 अक्टूबर2023 को महाराष्ट्र के तीर्थस्थल पंढरपुर में 15000 विक्रेताओ ने महासम्मेलन करके इसका जोरदार विरोध किया ओर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान करके सरकार पर दबाव बनाकर इस प्रकार के प्रावधान को स्थगित करने का कार्य करके दिखाया है।
-साथियों मेरी सलाह से ऐसा होना चाहिए की 1 वर्ष के लिए सभी प्राइवेट सेक्टर के व्यापारियों को अपना कृषि आदान का व्यापार सरकार को सौंप देना चाहिए। इस 1 साल में सभी देश के प्रदेशों की सरकार को समझ में आ जाएगी कि यह कृषि आदान का व्यापार जो है प्राइवेट सेक्टर के लोगों को साथ लिए बगैर चलना संभव नहीं है। इस प्रकार के तुगलकी आदेशों से जो गलत तरीके से पैसा कमाने वाले लोग हैं वह सक्रिय हो जाएंगे। जो लैबोरेट्री है वह मानक कृषि आदान को भी अमानक साबित करके उनकी भी दुकानदारी चल निकलेगी और भ्रष्टाचार बढ़ेगा- श्रीकृष्णा दुबे, जागरुक कृषि आदान विक्रेता संघ इंदौर।

कृषि आदान विक्रेता संघ, जिलाध्यक्ष – श्रीकृष्णा-दुबे
-व्यापारियों को अब एकजुट होकर अपने संगठन को मजबूत करते हुए इस बात का शांतिपूर्वक एवं पूर्ण रूप से विरोध किया जाना चाहिए । मैं उम्मीद करता हूं कि हरियाणा के डीलर इस बारे में जल्दी एक व्यापक बैठक करके इस बारे में सरकार को चेतावनी देकर ज्ञापन देने का कार्य करेंगे ।

मनमोहन कलंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष कृषि आदान विके्रता संघ