149 साल बाद त्रिग्रही योग में मनेगी महाशिवरात्रि, भक्तों पर बरसेगी शिव-शक्ति की कृपा

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हलधर किसान अजमेर। शिव-शक्ति  मिलन के महापर्व महाशिवरात्रि को लेकर शहर सहित समूचे जिले में उत्सवी माहौल बनने लगा है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी याने बुधवार 26 फरवरी को देवादिदेव महादेव और जगत जननी माता पार्वती के विवाह के साक्षी बनने के लिए शिवशक्ति भक्त अपने- अपने स्तर पर तैयारियों में जुटे है, वहीं ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस दिन  इस दिन काफी दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है, इस दिन ग्रहों की स्थिति काफी अलग रहने वाली है। ज्योतिषाचार्य सुदीप सोनी (जैन) के अनुसार महाशिवरात्रि पर श्रवण व धनिष्ठा नक्षत्र का युग्म, परिघ योग एवं शिव योग के विशेष संयोग के साथ मकर राशि के चन्द्रमा की उपस्थिति रहेगी। 

धन के दाता शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे, जिससे मालव्य राजयोग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही मीन राशि में शुक्र की राहु के साथ युति हो रही है। कुंभ राशि में सूर्य.शनि की युति हो रही है। पिता.पुत्र की युति होने से कई राशियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा कुंभ राशि में बुध भी विराजमान है, जिससे तीनों ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग और सूर्य.बुध की युति से बुधादित्य योग और शनि के अपनी मूल त्रिकोण राशि में होने से शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। ऐसा संयोग 1873 में बना था और करीब 149 साल बाद 2025 में बनने वाला है। इसके अलावा इस दिन शिव के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।

ज्योतिषाचार्य सोनी ने बताया महाशिवरात्रि पर वर्ष 1965 के बाद सूर्य, बुध व शनि ये तीनों ग्रह के कुंभ राशि में विद्यमान होने से त्रिग्रही योग का संयोग बन रहा है। सात साल बाद बुधवार के दिन का संयोग रहेगा। करीब 31 वर्ष बाद महाशिवरात्रि पर बुधादित्य योग भी रहेगा। ग्रहों.गोचरों का यह संयोग आध्यात्मिक उन्नति और प्रतिष्ठा में वृद्धि प्रदान करेगा।

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महाशिवरात्रि के दिन शुभ संयोग व शुभ मुहूर्त में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा.आराधना करने से श्रद्धालुओं की मनोवांछित कामना की प्राप्ति होगी।  

क्यों खास है महाशिवरात्रि  

मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पृथ्वीलोक पर भ्रमण करने निकलते हैं। ऐसे में इस दिन पूजन से वर्षभर के शिवरात्रि का पुण्य मिलता है। शिवरात्रि के दिन शिव का पूजन करने से श्रद्धालुओं को एक हजार अश्वमेघ यज्ञ तथा सैकड़ों वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है।  शनि के केंद्र में होने से त्रिग्रही योग बनने से शिव भक्तों को विशेष फल मिलेगा।

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