लंपी स्किन रोग को महामारी घोषित करने की मांग, सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

हलधर किसान। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से गोवंश में फैल रहे लंपी स्किन रोग को महामारी घोषित करने की मांग की है. पीएम नरेंद मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि महामारी घोषित करने से इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप एवं इससे पशुधन को बचाने के लिए चिकित्सा और परिवहन जैसी सुविधाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी. पशुपालकों और गौशालाओं को मुआवजा मिल सकेगा.असल में यह वायरस पॉक्सविरिडे परिवार में कैप्रिपोक्सवायरस जीनस से संबंधित है. इस वायरस का पहला मामला 22 अप्रैल को सामने आया था. तब से लेकर अब तक 67 हजार मवेशियों की मौत इस बीमारी की वजह से हो गई है.
सीएम ने कहा कि राजस्थान के अतिरिक्त 13 राज्यों में इस रोग का प्रसार हो चुका है. हालांकि, राजस्थान इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है.राजस्थान सरकार इस रोग से बचाव और उपचार के सभी संभव प्रयास कर रही है. इस संबंध में आवश्यकता के अनुसार रैपिड रेस्पॉन्स टीमें गठित की गई हैं. इसके अलावा पशु परिवहन, पशु हाट और पशु मेलों को प्रतिबंधित किया गया है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए टीका विकसित होने पर राज्य को इसकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया.
लंपी रोकने के लिए सरकार ने क्या किया?
मुख्यमंत्री ने कहा कि लंपी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार के प्रभावी सहयोग की आवश्यकता है. गहलोत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं को दिए जाने वाले अनुदान अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह किया गया है. रोग प्रभावित क्षेत्रों में अर्जेन्ट टैम्परेरी बेसिस पर 197 पशु चिकित्सा अधिकारियों एवं 730 पशुधन सहायकों को नियमित नियुक्ति प्रदान की गई है. साथ ही किसान फार्मर पोर्टल के माध्यम से 4.32 लाख पशुपालकों व किसानों को लम्पी रोग के बचाव एवं रोकथाम के उपायों की एसएमएस के माध्यम से नियमित जानकारी दी जा रही है.

कितनी गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदेगी सरकार
इसके साथ ही राज्य एवं जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुए रोग प्रभावित क्षेत्रों में इस रोग के सर्वेक्षण, रोग निदान एवं उपचार के लिए दल गठित कर त्वरित काम किया जा रहा है. किसान कॉल सेन्टर (हेल्पलाइन 181) पर इस बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण से सम्बन्धित पशुपालकों व आमजन की समस्याओं व भ्रांतियों आदि के निराकरण किया जा रहा है. आपातकालीन आवश्यक औषधियां एवं वैक्सीन खरीदने के लिए 30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है. राजस्थान में 46 लाख लंपी गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने का काम चल रहा है.

कितने पशुओं का हुआ टीकाकरण
प्रदेश में 16.22 लाख वैक्सीन उपलब्ध हैं, जिसमें से 12.32 लाख का गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया जा चुका है. साथ ही 11.59 लाख पशुओं का उपचार किया जा चुका है. रोग प्रभावित क्षेत्र में रोग सर्वेक्षण, रोग निदान एवं उपचार हेतु आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त वाहन किराये पर लिए जाने की स्वीकृति जारी की जा चुकी है.

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