कालातीत ऋणों की अधिकाधिक हो वसूली, जिससे शून्य प्रतिशत ऋण योजना का मिलता रहे लाभ: प्रबंध संचालक धनवाल

There should be maximum recovery of time barred loans so that the benefits of zero percent loan scheme can

हलधर किसान खरगोन। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक प्रधान कार्यालय सभा कक्ष में शाखा प्रबंधको की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें अल्पकालिन फसल ऋण की वसूली के संबंध में वन.टू.वन चर्चा की गई। चर्चा में लक्ष्य अनुरुप कृषि ऋणों की वसूली नही होने पर नाराजगी जताते हुए प्रबंध संचालक पीएस धनवाल ने शाखा प्रबंधको को लक्ष्य अनुरूप वसूली के निर्देश दिए।

प्रबंधक संचालक ने सख्त निर्देश दिये  कि कालातीत ऋणों की अधिकाधिक वसुली की जाऐ ताकि जो किसान कालातीत ऋण उनकी ओर बकाया होने के कारण शासन की शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण प्रदाय योजना से वंचित रह गये है, उन्हें मुख्य धारा में लाकर  शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण प्रदाय योजना का लाभ दिलाया जा सके। उल्लेखनिय है कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में कुल चार लाख छत्तीस हजार किसान है,

जिनको वर्ष में मप्र शासन की शून्य प्रतिषत ब्याज योजना अंतर्गत तीन हजार आठ सौ करोड से अधिक राशि का अल्पकालीन ऋण वितरण किया जाता है, किन्तु 42,922 कालातीत किसान ऐसे है, जिनकी ओर 689.77 करोड रुपए का कालातीत ऋण बकाया होने के कारण शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध नही कराया जा पा रहा है। 

बकायादारों के नाम करें सार्वजनिक

प्रबंध संचालक के द्वारा ऐसे किसानों को समझाइश देते हुए ऋणों की वसूली करने के निर्देश दिए गए है।  जो किसान जानबुझकर उनकी ओर बकाया कालातीत ऋण जमा नही कर रहे है उनसे मप्र सहकारी अधिनियम 1960 की धाराओं के अंतर्गत विधिकरूप से वसूली की जावें, इसका डोंडी पिटवाकर व्यापक प्रचार.प्रसार किया जावें, सर्वाधिक बडे कालातीत बकायादारों की सूची सार्वजनिक स्थानों एवं समिति के सूचना पटल पर प्रदर्षित की जावें, समिति की दीवारों पर पेंटिंग करायी जावें तथा फ्लेक्स आदि के माध्यम से भी ऐसे किसानों की सूची प्रदर्षित की जावें। बैंठक में बैंक प्रबंधक राजेन्द्र आचार्य, अनिल कानुनगों, श्रीमती संध्या रोकडे ललित भावसार उपस्थित रहे।

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