इंडोनेशिया को 10 लाख टन सफेद चावल के निर्यात को मंजूरी  

Approval for export of 1 million tonnes of white rice to Indonesia

विदेशी बाजारों में भारतीय चावल की मांग हमेशा से ज्यादा रही है

हलधर किसान दिल्ली l करीब साल भर बाद चावल निर्यात खोलने के बाद से लगातार विदेशी बाजारों से चावल की मांग आ रही है. बांग्लादेश की चावल जरूरत को पूरा करने के लिए केंद्र ने बीते माह दिसंबर में भारतीय ट्रेडर्स को चावल बिक्री की मंजूरी दी थी. अब इंडोनेशिया को भी 10 लाख टन चावल देने को मंजूरी दी गई है. इंडोनेशिया ने अपनी चावल जरूरत को पूरा करने के लिए भारत सरकार से खरीदने की पेशकश की थी. 

घरेलू आपूर्ति बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 में चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था और भारी एमईपी भी लागू कर दिया था. बीते अक्टूबर महीने में केंद्र ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के साथ ही एमईपी को भी हटा दिया है. केंद्र के इस फैसले के बाद से विदेशी खरीदारों की ओर से डिमांड बढ़ी है. नवंबर और दिसंबर 2024 में केंद्र ने बांग्लादेश को 50 लाख टन गैर बासमती चावल निर्यात करने की मंजूरी दी थी. अब बीते दिन इंडोनेशिया को चावल निर्यात की मंजूरी दी है. 

इंडोनेशिया को 10 लाख टन चावल देगा भारत 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडोनेशिया को 10 लाख टन सफेद चावल के निर्यात को मंजूरी दे दी है. आधिकारिक बयान में कहा गया कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात (NCEL) के जरिए इंडोनेशिया को 10 लाख टन गैर बासमती सफेद चावल निर्यात किया जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंडोनेशिया सरकार की एजेंसी बुलोग की ओर से भारत की अधिसूचित एजेंसी एनसीईएल के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.

चावल बिक्री की जिम्मेदारी NCEL के पास

राष्ट्रीय सहकारी निर्यात (NCEL) एजेंसी मित्र देशों को गैर बासमती चावल के निर्यात को परमिट करती है. NCEL एजेंसी खुले बाजार से चावल खरीदेगी और इंडोनेशिया की एजेंसी बुलोग को तय मूल्य पर बेचेगी. कहा गया कि भारत में चावल बफर स्टॉक से अधिक मात्रा में मौजूद है. लेकिन, स्टॉक से चावल इंडोनेशियो को नहीं भेजा जाएगा, बल्कि खुले बाजार से इसके लिए खरीद की जाएगी.

निर्यात बैन से  बढ़ी थी कीमतें 

भारत चावल के मामले में सबसे बड़ा निर्यातक है और वैश्विक आपूर्ति में सर्वाधिक 40 फीसदी हिस्सेदारी है. अक्टूबर में भारतीय चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटने के बाद यहां से भरपूर मात्रा में चावल विदेशी बाजारों में पहुंचने से अक्टूबर में वैश्विक स्तर पर कीमतों में 15 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई थी. हालांकि, नवंबर में वैश्विक बाजार में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी. अब अपनी चावल जरूरत को पूरा करने के लिए मित्र देशों ने भारत से चावल भेजने का आग्रह कर रहे हैं. चावल निर्यातकों ने कहा कि भारत की ओर से चावल निर्यात पर प्रतिबंध हटाए जाने के बाद पाकिस्तान और थाईलैंड जैसे अन्य देशों ने कीमतों में 10-15 फीसदी की कटौती की है.

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