निजी खाद कंपनी के प्रचार- प्रसार के नाम पर लाखों रुपए भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने एमडी पर कि एफआईआर दर्ज करने की मांग
हलधर किसान खरगोन:- जिले में डीएपी खाद के विकल्प के तौर पर अन्य खाद इस्तेमाल करने के लिए जिला सहकारी केंद्रिय बैंक द्वारा किए गए प्रचार- प्रसार में खर्च कि गई राशि सोसायटियों से वसूल किए जाने के मामले में बुधवार को राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले जिला सहकारी केंद्रिय बैंक में प्रभावी प्रदर्शन किया गया। महासंघ पदाधिकारियों ने सीसीबी प्रबंध संचालक पर प्रचार- प्रसार के नाम पर निजी खाद कंपनियों को लाभ पहुंचाते हुए भ्रष्टाचार किए जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर कार्यालय पर तालाबंदी कर प्रदर्शन किया। पदाधिकारियों को एसडीएम बीएस कलेश, एमडी पीएस धनवाल सहित थाना प्रभारी बीएल मंडलोई ने समझाईश का प्रयास भी किया लेकिन किसान तत्काल एफआईआर दर्ज कराने की जिद करते हुए अफसरों की मौजूदगी में कार्यालय प्रवेश द्वार पर ताला लगाकर धरना प्रदर्शन करने लगे। यह प्रदर्शन समाचार लिखे जाने तक जारी रहा।
महासंघ के गोपाल पाटीदार, सीताराम इंगला, किशोर पाटीदार, कैलाश पाटीदार, धर्मेंद्र सिंह गौड, रामेश्वर गुर्जर, राजेश जाट, द्वारकाप्रसाद दशोरे, दशरथ बिरला आदि ने बताया कि एसडीएम से चर्चा मे बताया कि वैकल्पिक खाद प्रचार- प्रसार का काम निजी कंपनियों का था, जो सीसीबी ने किया, इसके लिए सोसायटियों के माध्यम से राशि जुटाई गई जो किसानों के लिए थी। इस प्रक्रिया में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है, जिसमें सीसीबी संचालक भी शामिल है। वही किसानों के आरोप पर एसडीएम के साथ मौजूद सीसीबी संचालक पीएम धनवाल ने किसानों को कहा कि उक्त प्रचार- प्रसार के आदेश शासन स्तर पर थे, जिसके समस्त निर्देश उनके पास है, कोई भ्रष्टाचार नही किया गया है।
सीसीबी के खिलाफ भी दिया धरना
महासंघ ने भारतीय किसान निगम की कपास खरीदी प्रक्रिया को लेकर भी आक्रोश दर्ज कराते हुए कृषि उपज मंडी में धरना प्रदर्शन किया। सुबह 12 बजे किसान कृषक भवन में इकट्ठा हुए। यहां करीब दो घंटे चले धरना प्रदर्शन के बाद एसडीएम कार्यालय पहुंचे, जहां 18 सुत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपकर इनके निराकरण की मांग की। ज्ञापन के बाद किसान शाम 4 बजे जिला सहकारी केंद्रिय बैंक पहुंचे थे।
परिसर में ही किया नाश्ता, गाए संगठन गीत
कार्यालय प्रवेश द्वार पर ताला जडऩे के बाद किसानों ने परिसर में ही राशि एकत्रित कर स्वल्पाहार बुलाया, कुछ किसान घर से रोटी लाए थे, जिसे मिल बांटकर खाई। इसके बाद संगठन गीत गाते हुए प्रदर्शन जारी रखा। समाचार लिखे जाने तक कार्यालय पर ताला जड़ा रहा, वही कार्यालयीन समय होने पर कर्मचारी दूसरे रास्ते से निकलते नजर आए।
यह है मांगें
सीसीआई खरीदी में सभी किसानों के वाहनों की खरीदी कि जाए।
मंडी एक्ट 1972 के पालन करते हुए समर्थन मूल्य से कम में खरीदी करने पर कार्रवाई हो।
सीसीआई खरीदी के लिए आधार लिंक को अनिवार्य न किया जाए, किसान जो खाता उपलब्ध कराए उसी में उपज राशि अंतरित की जाए।
पटवारी द्वारा नेट के माध्यम से सोयाबीन पोर्टल पर यदि आता है तो सोयाबिन की खरीदी की जाए।
जिला सहकारी बैंक के एमडी के खिलाफ उर्वरक प्रचार- प्रसार के लिए खर्च के नाम पर 40 लाख रुपए के गबन का प्रकरण दर्ज किया जाए।
दो वर्ष पूर्व व्यापारी अखिलेश राधेश्याम द्वारा 2 करोड़ 61 लाख रुपए की कपास खरीदी का भुगतान नही हुआ है, इस मामले में व्यापारी की संपत्ति कुर्की कर किसानों को राशि दिलाई जाए, जैसी मांगें शामिल है।
शासन के आदेश पर किया था प्रचार- प्रसार
डीएपी खाद की कमी के चलते विभागीय निर्देश पर निजी कंपनियों के खाद का विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए किसानों के बीच प्रसार-प्रसार कराया गया था, इसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार नही हुआ है, न ही किसी सोसायटी ने राशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। यदि किसी सोसायटी को आशंका है तो वह शिकायत कर जांच करा सकती है।- पीएस धनवाल, एमडी, सीसीबी खरगोन।