रिटायरमेंट के बाद किसान और व्यापारी हित में अपने अनुभवों का लाभ दे रहे श्री सिंह 

रिटायरमेंट के बाद किसान और व्यापारी हित में अपने अनुभवों का लाभ दे रहे श्री सिंह 

बीज कानून पाठशाला में नियमों को आसान ओर सरल शब्दों में जान सकते है व्यापारी 

हलधर किसान, इंदौर (शख्सियत)। जिस तरह पतझड़ के बाद वसंत आता है, उसी तरह शासकीय कर्मचारी के जीवन में नौकरी से अवकाश याने सेवानिवृत्ति आती है। सेवानिवृत्ति के बाद एक नई जिंदगी की शुरुआत होती है, कुछ लोग जहां अपनी सेवानिवृत्ति परिवार के नाम कर देते है तो कई ऐसे लोग होते है जो अपने सेवाकाल के अनुभव को सेवानिवृत्ति में भी लोगों के काम आए इसके लिए समर्पित कर देते है। ऐसे ही विरले लोगों में शामिल है, आरबी सिंह जी, जो नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन नई दिल्ली के एरिया मैनेजर रह चुके हैं। श्री सिंह अपनी बीज कानून पाठशाला नामक पुस्तकों, आर्टिकलों को लेकर चर्चाओं में है। इन्होंने आसान और सरल शब्दों में जो आर्टिकल तैयार किया है, उससे न केवल व्यापारी बल्कि किसानों को भी कहीं न कहीं इसका लाभ मिल रहा है। 

बीज कानूनों को बारीकि से जानने वाले श्री सिंह के अनुभव को देखते हुए उन्हें हिसार बीज उत्पादको ने बीज कानून अवार्ड रत्न से भी सम्मानित किया है। श्री सिंह से हलधर किसान के इंदौर संवाददाता श्रीकृष्ण दुबे ने मुलाकात कर उनके अनुभव को अपने शब्दों में प्रकाशित कर पाठको तक पहुंचाने का प्रयास किया है। श्री दुबे के मुताबिक श्री सिंह वे शख्सियत है जो नि:स्वार्थ भाव से बीज व्यापारियों को न केवल कानूनी ज्ञान दे रहे है बल्कि अच्छे गुणवत्ता युक्त बीज के प्रचार- प्रसार में अपनी सेवानिवृत्ति का समय बीता रहे है जो सराहनीय और अनुकरणीय है।

श्री सिंह

उल्लेखनीय है कि भारतीय संसद ने बीज प्रमाणीकरण अधिनियम 1966 बीज प्रमाणीकरण के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने और अच्छी गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए पारित किया था। इस अधिनियम के तहत बीज नियमों को 1968 में व्यवस्थित और अधिसूचित किया गया और 1969 में भारत में व्यवस्थित बीज प्रमाणन शुरू किया गया। इस अधिनियम में बीज से संबंधित मामलों में राज्यों को सलाह देने के लिए एक केंद्रीय बीज समिति की स्थापना का प्रस्ताव दिया। इसके अलावा राज्यों में बीज प्रमाणन एजेंसियों . बीज प्रमाणीकरण बोर्ड और राज्य बीज परीक्षण प्रयोगशालाएं की स्थापना के लिए प्रस्ताव भी दिया गया है। 

बीज कानून पाठशाला में है महत्वपुर्ण जानकारी

श्री सिंह बताते है कि शासन स्तर पर बने बीज कानून में कई कानूनी पहलू है, जिन्हें व्यापारी जानते नही, नतीजतन कई बार विभागीय कार्रवाई में उलझना भी पड़ता है। मेरा मानना है कि किसान को अच्छा बीज मिले, व्यापारी को भी बीज उत्पादन से लेकर बिक्री और उसे दुकान तक पहुंचने तक की प्रक्रिया जानना जरुरी है। यदि यह जानकारी होगी तो किसान को भी उन्नत बीज मिलेंगे और व्यापारी भी निडर होकर व्यापार कर सकेगें। रिटायर्ड होने के बाद श्री सिंह ने बीज कानून पाठशाला के नाम से कृषि आदान व्यापारियों के लिए बीज व्यापार से संबंधित महत्तवपुर्ण जानकारियां गुगल साइट पर अपलोड कर रखी है।    

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