टुरिज्म के लिए अनोखी पहल:शिमला के सेब बगीचों में घुम सकेंगे पर्यटक, फल भी तोडऩे की मिलेगी अनुमति
हलधर किसान (पर्यटन)हिमाचल। शिमला की पहाडिय़ों पर घूमने का शौक रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। अगर आपको सेब के बगीचे में घुमने के साथ ही वहां पेड़ से फल तोड़कर खाना चाहते है तो आपकी यह ख्वाहिश पूरी हो सकती है।
शिमला के मशोबरा में स्थित क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान ने सैलानियों के लिए पिक एंड पे सुविधा शुरू की है। इसमें देश.विदेश से शिमला घूमने आने वाले सैलानी अब सेब के बगीचे में बेरोकटोक घुमने के साथ ही पेड़ पर लगे सेब खुद तोड़कर खा सकेंगे। प्रदेश में सेब पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह कवायद शुरू की गई है। हिमाचल प्रदेश की आमदनी की रीढ़ माना जाने वाला सेब अब प्रदेश के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ाने में मदद करेगा। पर्यटन निगम ने सेब आने के समय को पर्यटकों के साथ जोडऩे के लिए नई योजना तैयार की है। इस योजना से सेब के पौधे के बारे में जानने की इच्छा रखने वाले पर्यटकों के लिए यह अच्छा मौका है।
कुछ बागवानों ने अपने सेब के बागीचों में होम स्टे बनाकर पर्यटकों को आकर्षित किया हैै।
चुकाने होंगे दाम-
अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सहायक निदेशक डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया कि अगले एक हफ्ते तक सैलानियों को यह सुविधा मिलेगी। इसके बाद संस्थान सेब का तुड़ान कर देगा। सैलानियों को सेब तोडऩे के लिए टोकरी दी जाएगी। सभी किस्मों के लिए 200 रुपये किलो दाम तय किया गया है। संस्थान के बगीचे में इस समय गाला और स्पर किस्मों के सेब लगे हैं। हर साल बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं। हिमाचल में एप्पल टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह शुरुआत की गई है। सैलानियों को संस्थान में सेब की बागवानी से संबंधित बुनियादी जानकारी भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
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