2019 में यूपी में 190.20 लाख गोवंश, 330,17 लाख महिषवंश, 9,85 लाख भेड़, 144.80 लाख बकरी प्रशिक्षण के दौरान नस्ल की सटीक पहचान के महत्व पर बल दिया गया
हलधर किसान, लखनऊ यूपी। करीब 5 साल बाद एक बार फिर उत्तरप्रदेश पशुओं की गणना होने वाली है। इसके लिए अधिकारी- कर्मचारी प्रशिक्षण ले रहे है। यह गणना सितंबर माह से शुरु होगी। 21 वीं पशुगणना की शुरुआत से पहले देश के तीन राज्यों उत्तर प्रदेश के साथ.साथ मध्य प्रदेश एवं उत्तराखंड के जनपदीय नोडल ऑफिसर्स को संयुक्त रूप से लखनऊ के पं दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान बक्शी का तालाब मेंं प्रशिक्षण देकर मास्टर्स ट्रेनर के रुप में तैयार किया जा रहा है। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में 175 पशुचिकित्साविदों, संख्याधिकारियों, नोडल अधिकारियों द्वारा भारत सरकार,मत्स्य, पशुपालन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रशिक्षण का उद्घाटन करते हुए कहा कि पशुगणना के उपरान्त प्राप्त आंकडों के विश्लेषण एवं तार्किक उपयोग से भविष्य की योजनाओं विभागीय नीतियों को बनाने एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में एवं पशुपालकों के हित में नई योजनाओ तथा पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त होगा।
उत्तर प्रदेश में पूरे देश का सर्वाधिक पशुधन है। 2019 की पशु गणना के अनुसार प्रदेश में 190.20 लाख गोवंश, 330.17 लाख महिषवंश, 9.85 लाख भेड़, 144.80 लाख बकरी एवं 4.09 लाख सूकर है। देश मे प्रत्येक 5 वर्ष के उपरान्त पशुगणना किये जाने है। वर्तमान में 21वीं पशुगणना की तैयारी चल रही है।
उक्त अवसर पर रविन्द्र प्रमुख सचिव पशुधन उप्र, देवेन्द्र पाण्डेय विशेष सचिव उप्र शासन, जगत हजारिका सलाहकार भारत सरकारए, वीपी सिंह निदेशक पशुपालन साख्यकीय, डा आरएन सिंह निदेशक प्रशासन एवं विकास तथा डा पीएन सिंह रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, उप्र एवं तीन प्रदेशों के प्रतिभागी उपस्थित थे। पशुगणना में प्रत्येक घर, उद्यम एवं संस्थानों में पशुओं की प्रजाति वार गणना की जाती है। देश में प्रथमवार पशुगणना वर्ष 1919 में की गयी। इस कड़ी में अब तक कुल 20 पशुगणनायें आयोजित की जा चुकी है। 20वीं पशुगणना वर्ष 2019 में आयोजित की गयी। उक्त पशुगणना में प्रथमबार टैबलेट के माध्यम से ऑनलाइन की गयी जिसमें गणनकर्ताओं द्वारा भारत सरकार द्वारा विकसित किये गये ऐप पर पशुओं की गणना की गयीए आंकड़े सीधे भारत सरकार के सर्वर पर अपलोड हुए थे। प्रमुख सचिवए पशुधन द्वारा अवगत कराया गया कि 20वीं पशुगणना की भांति इस बार भी पशुगणना विकसित एंड्राइड एप पर कराई जानी है, जिसके अंतर्गत नस्लवार पशुगणना की जाएगी।
देशभर में एक साथ शुरु होगी गणना
भारत सरकार द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सम्पूर्ण देश में एक साथ माह सितम्बर से दिसंबर 2024 के मध्य पशुगणना का कार्य किया जाना है। 21वीं पशुगणना से प्राप्त होने वाले विस्तृत एवं विश्वास परक आंकड़े की नीव पर नीति निर्धारण से आने वाले समय में पशुपालन विभाग प्रगति के नए आयाम को प्राप्त करेगा। 21 वी पशुगणना हेतु भारत सरकार द्वारा पाँच राज्यों कर्नाटक, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, गुजरात व अरूणाचल प्रदेश को पायलट सर्वे हेतु चयनित किया गया है।