हलधर किसान। गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के बाद सरकार ने स्टाक सीमा तय कर दी है। इससे व्यापारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। व्यापारियों के परेशान होने और निर्यात पर प्रतिबंध लगने से गेहूं के दाम करीब 2200 रुपए से औंधे मुंह गिर गए हैं। हालत यह हो गई है कि सरकार द्वारा घोषित किए गए समर्थन मूल्य 2015 से भी कम महज 1800 से 1975 रुपए क्विंटल गेहूं बिक रहा है। गेहूं के दामों में आई गिरावट की वजह से किसानों को जबरदस्त नुकसान उठाने को मजबूर हो रहा है।
किसानो ने बताया कि गेहूं का विदेशों में निर्यात होने के समय जिस तरह से गेहूं के दामों में प्रतिदिन दामों में उछाल आ रहा था इससे उन्हें यह लगा था कि समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के बाद और अधिक खुले बाजार में दाम बढऩे के बाद ही गेहूं बेचेंगे। लेकिन वर्तमान में स्थिति यह हो गई है कि खुले बाजार में गेहूं बेचना तो दूर समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर खुले बाजार में गेहूं बिक रहा है। ऐसे में जब 2200 रुपए तक गेहूं नहीं बचा था तो अब कैसे अपनी उपज बेच दें?
व्यापारियों के मुताबिक गेहूं के स्टाक को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है। जिससे व्यापारी भ्रमित है। दूसरी तरफ निर्यात पर रोक लग गई है। अगर व्यापारियों ने गेहूं का स्टाक कर लिया तो सरकार कार्यवाही कर सकती है इसको लेकर व्यापारी असंमजस की स्थिति में हैं इसलिए व्यापारियों की गेहूं खरीदी में रूचि नहीं होने की वजह से गेहूं के दामों में गिरावट आ गई है। दामों में गिरावट की वजह से ही मंडी में आवक भी काफी गिर गई है।