हलधर किसान। मध्य प्रदेश में मानसून की बेरुखी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई। एक दर्जन से ज्यादा जिले में सोयाबीन की फसल खराब होने के समाचार सामने आ रहे है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य में इस साल 53 लाख हैक्टेयर भूमि पर सोयाबीन की फसल की बुआई की गई है।
मध्य प्रदेश में मौसम विभाग की बार-बार संभावनाओं के बावजूद वर्षा नहीं हो रही है. जिसकी वजह से किस संकट में आ गए हैं. खरगोन जिले के झिरन्या जनपद के ग्राम पंचायत आभापुरी के ग्राम छेण्डिया ग्राम के किसान ने बारिश के अभाव में लगभग दम तोड़ चुकी सोयाबीन फसल में मवेशियों को छोड़ दिया। किसान विक्रम सिंह ने बताया आर्थिक लाभ की आस में करीब साढ़े चार एकड़ रकबे में बोई फसल जानवरों का चारा बनाना मजबूरी बन गया है। यह हालात केवल एक फसल के नही बल्कि कपास, मक्का के भी है। किसानों
के मुताबिक यदि एक-दो दिनों में बारिश नहीं हुई तो सोयाबीन की फसल पर काफी बुरा असर पड़ जाएगा. अभी नुकसान होना शुरू हो गया है. पिछले करीब एक महीने से बारिश नहीं हुई है. वर्तमान में पूरे इलाके में किसानों को बारिश का इंतजार है. सोयाबीन, कपास, मक्का के पत्ते मुरझाने लग गए हैं. इसके अलावा फल भी नहीं लग रहा है. वर्तमान में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन इंद्र देवता की कृपा नहीं होने से सोयाबीन की फसले खराब हो रही है।
