हलधर किसान। ऑँचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र, खरगोन के तत्वावधान में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अंतर्गत किसान जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री ताराचंदजी एवं श्री योगेन्द्र जैन, सह संचालक अनुसंधान, ऑचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र, खरगोन एवं ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल अधिकारी ने किसानों को मौसम आधारित कृषि करने की सलाह दी
बदलते मौसम परिस्थितियों में अरहर की सफल खेती की तकनीक किसानों को दी । श्री जैन ने कृषकों को अपने मोबाईल में मेघदूत एप डाउनलोड करने की सलाह दी जिससे कृषकों को मौसम एवं सामायिक फसलों की जानकारी भी उपलब्ध होगी । कृषि विज्ञान केन्द्र, खरगोन के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. जी.एस.कुलमी ने जलवायु समानुकुल कृषि तकनीकों जैसे रिज एवं फरो, ब्राडबेड फरो एवं रेज्डबेड बुवाई की तकनीको का उपयोग करने की सलाह दी
वैज्ञानिक डॉ.आर.के.सिंह ने पावर पांइट प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्राकृतिक खेती आज की महतीआवश्यकता के बारे में तकनीकी मार्ग दर्शन दिया एवं मृदा एवं वातावरण को स्वस्थ एवं सुदूढ़ बनाने हेतु किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न आयामों जैसे जीवामृत, बीजामृत, धनजीवामूत, नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, दशपर्णी अर्क आदि के उपयोग की सलाह दी । क्षेत्र के प्रगतिशील किसान श्री मोहन सिंह सिसोदिया ने किसानों को आगे बढ़कर नई तकनीकों का उपयोग करने एवं वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन लेकर खेती में नये आयाम स्थापित करने हेतु प्रेरित किया | कार्यक्रम में कालू सोलंकी, कैलाश सिंह, भगवानसिंह, करण सिंह बैजापुरा एवं रमेश चौहान, मुकेश यादव, रामसिंह चौहान बोरगांव सहित लगभग 75 किसानों ने सक्रिय रूप से भागीदारी की | अन्त में डॉ.आर.के.सिंह ने कृषकों एवं कृषि अनुसंधान एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के पधारे वैज्ञानिक डॉ. सजीव वर्मा, डॉ. अनीता शुक्ला, श्री विनोद कुमार मित्तोलिया, श्री संतोष पटेल तथा कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया एवं कृषकों से प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया।