हलधर किसान/रायपुर । छत्तीसगढ़ में मंगलवार याने 1 नवम्बर से एमएसपी पर धान खरीदी की शुरुआत हो रही है. धान खरीदी के लिए पूरे प्रदेश में 2496 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. वहीं किसानों के हित को देखते हुए सरकार ने 12 नए केंद्र खोले हैं. वहीं खरीदी के लिए किसानों को टोकन भी दिया जा चुका है.राज्य सरकार ने इस वर्ष 110 लाख टन धान की खरीदी का लक्ष्य रखा है. जानकारी के अनुसार मार्कफेड ने 22500 करोड़ खर्च करेगी. जिसमें 18 हजार करोड़ एनसीडीसी और 5500 करोड़ नाबार्ड दे रहा है.वहीं खरीदी की तैयारियों को लेकर सीएम बघेल ने समीक्षा की है. साथ ही अधिकारियों के निर्देश दिए हैं कि, किसानों को उपार्जन केंद्रों में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए. वहीं सीएम बघेल ने कहा है कि, भारत सरकार के निर्देशानुसार हर साल खरीदी की जाने वाली धान में 17 प्रतिशत से कम नमी होनी चाहिए. जिसकी जानकारी किसानों को प्यापक रूप से दी जाए.
उपार्जन केन्द्रों पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात
किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक तैयारियां और व्यवस्थाएं कर ली गई है. किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत न आए, इसको लेकर सभी केन्द्रों में बेहतर प्रबंध किए जाने के साथ ही व्यवस्था पर मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है. धान खरीदी हेतु बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है. धान खरीदी के लिए सभी समितियों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. राज्य में अवैध धान की आवक रोकने तथा संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दी जा रही सब्सिडी
सीमावर्ती सोसायटियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान का अवैध परिवहन न हो, इसकी रोकथाम के लिए चेकपोस्ट भी बनाए गए हैं, जहां अधिकारियों की टीम माल वाहकों पर कड़ी निगरानी रखेगी. बता दें कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ फसलों की उत्पादकता में वृद्धि तथा फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए तथा धान की खेती बदले अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ की मान से 10 हजार सब्सिडी दी जा रही है.