10वी पास भी ले सकता है खाद- बीज लायसेंस

खाद- बीज लायसेंस

खाद- बीज लायसेंस

हलधर किसान। एक वक्त था जब कोई भी व्यक्ति खाद-बीज की दुकान को आसानी से शुरू कर सकता था, लेकिन मौजूदा वक्त में यदि कोई व्यक्ति खाद व बीज की दुकान खोलना चाहता है, तो उसका 10वीं पास होना अनिवार्य है.

इसके अलावा, वह डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर भी होना चाहिए. वहीं, इस डिप्लोमा के आधार पर वह भारत के किसी भी राज्य मे बीज, खाद व दवाई बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर सकता है. आवेदक अगर एग्रीकल्चर से बीएससी है, तो भी वह खाद-बीज की दुकान खोलने के लिए लाइसेंस लेने के लिए आवदेन कर सकता है

हरियाणा सरकार द्वारा कम पड़े लिखे युवाओं को रोजगार देने के लिए एक विशेष योजना कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही है। प्रदेश के कम पढ़े लिखे युवाओं के लिए यह योजना मिल का पत्थर साबित होने का काम करेगी। इस योजना के तहत कम पढ़े लिखे युवा मात्र 20 हजार रुपए की फीस में डिप्लोमा प्राप्त करेंगे और फिर अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।

इसके लिए हरियाणा सरकार तथा केंद्र सरकार द्वारा कम पढ़े लिखे लोगों के लिए अब कृषि विभाग द्वारा खाद बीज दवाई बेचने का डिप्लोमा कराया जाएगा।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के गुण नियन्त्रक निरीक्षक डॉ.अजय कुमार ने बताया कि डिप्लोमा के बाद लाइसेंस उनके द्वारा ही दिया जाएगा। डिप्लोमा की फीस 20 हजार रुपए देनी होगी।

उन्होंने बताया कि अब तक केवल उन्हीं व्यक्तियों का डिप्लोमा कराया जाता था, जो लोग पहले ही उक्त व्यवसाय को करते आ रहे हैं और उनके पास लाइसेंस हैं। पहले खाद, बीज व दवाई की डीलर के लाइसेंस के लिए डिप्लोमा की कोई शर्त नहीं थी। लेकिन भारत सरकार ने खाद, बीज व दवाई के डीलर्स के लिए ये डिप्लोमा अनिवार्य किया हैं।

उन्होंने बताया कि 10वीं पास युवा भी डिप्लोमा करने के बाद खाद, बीज व दवाई बेचने संबंधित लाइसेंस ले सकेंगे। क्योंकि हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) द्वारा 10वीं पास युवाओं को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर (डेसी) कराया जाएगा।


उन्होंने बताया कि 10वीं पास युवा भी डिप्लोमा करने के बाद खाद, बीज व दवाई बेचने संबंधित लाइसेंस ले सकेंगे। क्योंकि हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) द्वारा 10वीं पास युवाओं को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर (डेसी) कराया जाएगा।

48 सप्ताह का प्रशिक्षण करने के बाद डिप्लोमा देगा। इसको लेकर सप्ताह में एक दिन क्लास लगेगी। इस डिप्लोमा के आधार पर भारत के किसी भी राज्य में खाद, बीज व दवाई बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।


गुण नियन्त्रक निरीक्षक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि डिप्लोमा के बिना लाइसेंस नहीं बनेगा। इसके लिए इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फार इनपुट डीलर डिप्लोमा जरूर करना होगा। इसके बाद ही नए व पुराने लाइसेंस रिन्यू हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि कोर्स करने के बाद विक्रेताओं को खाद, बीज व कीटनाशक दवाइयों की बेहतर जानकारी होगी। इससे वह किसानों को सही जानकारी दे सकेंगे।

बाजार में नकली खाद-बीज की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया कि किसान अपने खेत के लिए बीज, उर्वरक और कीटनाशक दुकान से खरीदता है। ऐसे में जरूरी है कि इस संबंध में उन्हें बुनियादी ज्ञान हो।

आइए जानते है लाइसेंस हेतु आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों के बारे में :-

  • आधार कार्ड
  • मतदाता पहचान पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पैन कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • एग्रीकल्चर में डिप्लोमा
  • दुकान या फर्म का नक्शा

खाद-बीज के लिए लाइसेंस कहां ले?

खाद व बीज भंडार खोलने के लिए आपको सरकार से लाइसेंस लेना पड़ेगा। इस लाइसेंस को लेने के बाद ही आप खाद-बीज का बिजनेस शुरू कर पाएंगे। वहीं, आप खाद-बीज दुकान का लाइसेंस ऑनलाइन माध्यम से आसानी से बनवा सकते हैं। लाइसेंस बनवाने के लिए आप जिस भी किसी राज्य के उस राज्य के कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर चले जाए। यह सारी प्रक्रिया एमपी ऑनलाइन पर ही होगी।

वहां मांगे गए जरूरी दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड कर देवे। जब आवेदन पूरा हो जाए, उसकी हार्ड कॉपी का प्रिंट ले लें। फिर उस हार्ड कॉपी को एक सप्ताह के भीतर ही संबंधित कार्यालय में जाकर जमा करवाएं। उसके बाद विभाग द्वारा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। फिर हार्ड कॉपी जमा करने के एक महीने के भीतर ही आवेदक को या तो लाइसेंस मिल जाएगा या फिर उसके लाइसेंस को रद्द कर दिया जायेगा।

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